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रेलवे का ऑपरेशन 'नन्हे फरिश्ते' लाया रंग, सात साल में 84000 से अधिक बच्चे किए गए रेस्क्यू

पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए रेलवे पुलिस फोर्स RPF की ओर से शुरू किए गए ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते के बेहद सुखद परिणाम मिले हैं। रेलवे ने बताया कि इस अभियान के तहत अब तक 84119 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है। 2018 में शुरू किए गए इस अभियान के माध्यम से विभिन्न चुनौतियों से जूझ रहे बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने में मदद की गई है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Wed, 17 Jul 2024 08:44 PM (IST)
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यह मिशन बच्चों के देखभाल और संरक्षण के लिए है। (File Image)

पीटीआई, नई दिल्ली। आरपीएफ ने पिछले सात साल में रेल स्टेशन और ट्रेनों से 84,119 बच्चों को गलत हाथों में जाने से बचाया है। रेल मंत्रालय ने बताया कि आरपीएफ पिछले सात साल से नन्हे फरिश्ते नाम से चलाये जा रहे अभियान में अग्रणी रहा है। यह मिशन बच्चों के देखभाल और संरक्षण के लिए है।

मंत्रालय ने बताया कि 2018 में इस मिशन की शुरुआत हुई। इस वर्ष आरपीएफ ने कुल 17,112 पीडि़त बच्चों को बचाया, जिनमें घर से भागे, लापता, बिछड़े हुए, निराश्रित, अपहृत मानसिक रूप से कमजोर और बेघर बच्चे शामिल हैं। मंत्रालय ने वर्षवार आंकड़े देते हुए बताया कि वर्ष 2019 में कुल 15,932 बच्चों को बचाया गया। 2020 कोविड महामारी की चुनौतियों के बावजूद 5,011 बच्चों को बचाया गया। वहीं, 2021 में 11,907, 2022 में 17,756 और 2023 में 11,794 बच्चों को बचाया गया।

जिला कल्याण समिति का लिया जाता है सहयोग

मंत्रालय ने बताया कि 2024 के शुरुआती पांच महीनों में 4,607 बच्चों को बचाया है। मंत्रालय के अनुसार ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बचाये गए बच्चों की जानकारी उपलब्ध है। मंत्रालय ने कहा, 'आरपीएफ बचाए गए बच्चों को जिला बाल कल्याण समिति को सौंप देती है। जिला बाल कल्याण समिति बच्चों को उनके माता-पिता तक पहुंचाती है।'