बच्चों को दिया जा रहा ज्ञान- लंबा और सुंदर रंग वाला होता है सफल उद्यमी
बोर्ड की 49 पेज की इस किताब में स्वच्छता अभियान, कौशल विकास एवं उद्यमिता, जल स्वावलंबन और भामाशाह योजना पर पाठ है।
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा की किताब में सफल उद्यमी उसे बताया गया है जो उंचे कद और सुंदर रंग वाला हो। बोर्ड की 49 पेज की इस किताब में स्वच्छता अभियान, कौशल विकास एवं उद्यमिता, जल स्वावलंबन और भामाशाह योजना पर पाठ है।
इसी में कौशल विकास एवं उद्यमिता में उद्यमी की परिभाषा, उद्यमी के कार्य और सफल उद्यमी के गुण बताए गए हैं। इनमें उद्यमी के शारीरिक गुणों को बताते हुए कहा गया है कि सफल उद्यमी बनने के लिए अच्छी ऊंचाई(हाइट) और रंग सुंदर होना चाहिए। कक्षा 12 की इस किताब का नाम है समाजोपयोगी योजनाएं भाग-4 है। यह किताब सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए बनाई गई है।
CBSE की 12वीं की किताब में महिलाओं के फीगर पर कमेंट से फैला था आक्रोश
इससे पहले कक्षा 12वीं की शारीरिक शिक्षा की किताब में 36-24-36 को महिलाओं के शरीर के लिए सबसे अच्छे आकार के तौर पारिभाषित किए जाने को लेकर सोशल मीडिया पर लोगों में आक्रोश फैला था। आलोचक किताब से इसे हटाने की मांग कर रहे थे।
डॉ. वीके शर्मा की लिखी और दिल्ली स्थित न्यू सरस्वती हाउस प्रकाशन की 'हेल्थ एंड फिजिकल एजुकेशन' शीर्षक वाली किताब सीबीएसई से संबद्ध विभिन्न स्कूलों में पढ़ाई जाती है। सीबीएसई ने हालांकि स्पष्ट किया है कि उसने, अपने स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किसी भी किताब की अनुशंसा नहीं की है। किताब के पाठ फिजियोलॉजी एंड स्पोर्ट्स के एक अंश में कहा गया है, 'महिलाओं के 36-24-36 आकार को सबसे अच्छा माना जाता है। यही वजह है कि मिस वर्ल्ड या मिस यूनिवर्स प्रतियोगिताओं में इस तरह के शरीर के आकार का भी ध्यान रखा जाता है।'
लोकसभा में मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा बता चुके हैं कि सीबीएसई के पास निजी प्रकाशकों की किताबों की गुणवत्ता मापने का कोई तंत्र नहीं है। साथ ही ऐसी किताबों को लागू करने या उनकी सिफारिश का अधिकार भी नहीं है। पहले भी रही विवादित सामग्री सीबीएसई पाठ्यपुस्तक में विवादित सामग्री होने का यह हालांकि पहला मामला नहीं है।
इससे पहले इन मामलों में विवाद हो चुका है
-चौथी की पर्यावरण विज्ञान की किताब में विद्यार्थियों को 'किल ए किटन' (बिल्ली के बच्चे को मार डालो) का प्रयोग दिया गया। विरोध के बाद प्रकाशक ने किताब वापस ले ली।
-12 वीं की समाजशास्त्र की किताब में लड़की की 'बदसूरती' लड़की और दिव्यांगता को दहेज का कारण बताया गया।
यह भी पढ़ेंः महिलाओं के शरीर पर टिप्पणी करने वाली किताब पर प्रतिबंध
यह भी पढ़ेंः सद्दाम ने फेसबुक पर पाकिस्तान के लिए लिखा कुछ ऐसा, बंद करनी पड़ी इंटरनेट सेवा