'टेक प्लेटफार्म का AI पक्षपात कर रहा है तो दर्ज करा सकते है मुकदमा', राजीव चंद्रशेखर बोले- IT कानून के तहत होगी कार्रवाई
इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि अगर किसी टेक प्लेटफार्म का AI मॉडल उसका सर्च और एल्गोरिदम पक्षपातपूर्ण है तो उस प्लेटफार्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है।उन्होंने कहा है कि अगर किसी प्लेटफार्म का एआई पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाता है तो ऐसे प्लेटफार्म को सेक्शन 79 के तहत कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी और आहत व्यक्ति उस प्लेटफार्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा है कि अगर किसी टेक प्लेटफार्म का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) मॉडल, उसका सर्च और एल्गोरिदम पक्षपातपूर्ण है तो उस प्लेटफार्म के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का पक्षपातपूर्ण रवैया आईटी कानून के नियम 3(1) (बी) के खिलाफ है, जिसके तहत प्लेटफार्म का दायित्व है कि उसके प्लेटफार्म पर विश्वास और सुरक्षा का उल्लंघन नहीं हो।
आहत व्यक्ति दर्ज करा सकता है एफआईआर
गुरुवार को एक्स पर किसी ने चंद्रशेखर को टैग कर बताया कि गूगल का एआई चैटबाट बार्ड ने ऑपइंडिया के एक लेख का सार बताने से इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वह लेख अविश्वसनीय व पक्षपातपूर्ण माध्यमों के हवाले से लिखा गया था। एक्स पर ही चंद्रशेखर ने कहा है कि अगर किसी प्लेटफार्म का एआई पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाता है तो ऐसे प्लेटफार्म को सेक्शन 79 के तहत कोई सुरक्षा नहीं मिलेगी और आहत व्यक्ति उस प्लेटफार्म के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा सकता है।
यह भी पढ़ेंः पांच वर्षों में हर इंटरनेट यूजर के पास होगा खुद का रोबोट, भविष्य की बदल जाएगी तस्वीर: बिल गेट्स
टेक जानकारों का क्या मानना है?
टेक जानकारों का मानना है कि एआई पर आधारित चैटजीपीटी जैसे प्लेटफार्म से किसी फैसले या सरकारी नीति को समझने का ट्रेंड काफी खतरनाक है। हालांकि, इन दिनों लोग गूगल बार्ड जैसे प्लेटफार्म से सरकारी नीतियों की व्याख्या ले रहे हैं, जबकि यह प्लेटफार्म एल्गोरिदम से चलता है। कंटेंट के सर्च के दौरान भी एआई का इस्तेमाल हो रहा है, जिसकी मदद से टेक प्लेटफार्म यूजर्स को अपनी पसंद का या अपने विचार वाले कंटेंट को पढ़ने के लिए मजबूर कर सकता है।
अगले माह एआई को लेकर भारत के नेतृत्व में होगा सम्मेलन
अगले महीने एआई के इस्तेमाल व उससे जुड़े वैश्विक नियम को लेकर भारत के नेतृत्व में सम्मेलन होने जा रहा है। एआई के इस्तेमाल से सर्विस सेक्टर में बड़ी संख्या में नौकरी जाने की भी आशंका है। भारत की कोशिश है कि एआई को नौकरी प्रदाता बनाया जाए।