Rajiv Gandhi Assassination: राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी ने रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने इसी हत्याकांड के एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई का हवाला दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्र कैद की सजा काट रही नलिनी श्रीहरन ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। नलिनी ने अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने इसी हत्याकांड के एक अन्य दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से रिहाई का हवाला दिया है।
मद्रास हाईकोर्ट ने ठुकराई थी याचिका
इससे पहले नलिनी ने अपनी रिहाई के लिए मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन कोर्ट ने याचिका को ठुकरा दिया था। कोर्ट ने कहा था कि उसके पास संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत विशेष शक्तियां (special power) उपलब्ध नहीं है। इसलिए कोर्ट उसकी रिहाई का आदेश नहीं दे सकता है, जैसा कि मई 2022 में पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर उनकी याचिका पेरारिवलन की रिहाई पर आधारित है तो वह सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
अन्य दोषी ने खटखटाया था कोर्ट का दरवाजा
इससे पहले एक अन्य दोषी पी रविचंद्रन ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने अपने केस में औपचारिक रिहाई से पहले अंतरिम जमानत की मांग की थी। मालूम हो कि रविचंद्रन 30 साल से जेल में बंद हैं। पेरारिवनल की रिहाई के बाद रविचंद्रन ने मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को पत्र लिखकर बाकी बचे छह दोषियों की रिहाई की मांग की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्यपाल ने बिना कुछ सोचे समझे उनकी फाइल को तीन साल से लटकाए रखा है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी को किया था रिहा
सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपने विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए एजी पेरारिवनल को रिहा कर दिया था। पेरारिवनल भी राजीव गांधी हत्याकांड में शामिल सात दोषियों में से एक थे।
यहां हुई थी राजीव गांधी की हत्या
तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दैरान 21 मई 1991 को आत्मघाती हमले में एक महिला ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। हमलावर की पहचान धनु के रूप में की गई थी।