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राजीव गांधी के दोषियों से पहले जेसिका, नैना और बिलकिस बानो के दोषी भी हो चुके हैं रिहा, सभी थे हाईप्रोफाइल केस

पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्‍या के दोषियों की रिहाई भले ही राजनीतिक गलियारों में एक मुद्दा बनी हो लेकिन हकीकत ये है कि ऐसा ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले कुछ दूसरे मामलों में भी इसी तरह दोषी जेल से रिहा किए गए हैं।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 12 Nov 2022 03:39 PM (IST)
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राजीव गांधी हत्‍याकांड के दोषियों से पहले इनकी हो चुकी है रिहाई
नई दिल्ली (आनलाइन डेस्‍क)। पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्‍या के दोषियों की रिहाई से कांग्रेस समेत कुछ दूसरे दल नाराज हैं। इस हत्‍याकांड के सभी छह दोषियों को रिहा कर दिया गया है। ये सभी उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इन्‍हें जेल में किए गए अच्‍छे बर्ताव को देखते हुए रिहा किया गया है। ये इस तरह का कोई पहला मामला नहीं है। हालांकि, राजीव गांधी की हत्‍या से पूरा देश हिल गया था। लेकिन, ऐसे कुछ दूसरे मामले भी हमारे सामने हैं जिन्‍होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था और बाद में दोषी को एक लंबे अंतराल के बाद जेल से रिहा कर दिया गया। आइये, इनमें से कुछ प्रमुख मामलों के बारे में जानते हैं:-

बिलकिस बानो केस

गुजरात का गोधरा कांड कभी नहीं भूला जा सकता है। इसी से जुड़ा है बिलकिस बानो मामला। इसी वर्ष अगस्‍त में इस मामले के 11 दोषियों की समय पूर्व रिहाई दे दी गई थी। ये सभी दोषी बिलकिस बानो सामूहिक दुष्‍कर्म और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे। इन सभी को जेल में अच्‍छे बर्ताव के चलते ही रिहा किया गया। इन दोषियों को मिली माफी के खिलाफ जो पीआईएल कोर्ट में दायर की गई थी उसके जवाब में राज्‍य सरकार ने जो जवाब कोर्ट के समक्ष पेश किया था उसमें इसका जिक्र किया गया था। वर्षों तक इस मामले में बिलकिस बानो ने कानून की चौखट खटखटाई थी। एक लंबी कानूनी जंग के बाद दोषियों को सजा और फिर रिहाई ने सभी को हैरान कर दिया था।

नैना साहनी हत्‍याकांड 

नैना साहनी हत्‍याकांड ने 1995 में देश को हिला कर रख दिया था। इसमें कांग्रेस के एक नेता सुनील शर्मा को दोषी करार देते हुए निचली अदालत ने उसे फांसी की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। इस घटना ने सभी के रौंगटे खड़े कर दिए थे। सुनील शर्मा पर अपनी ही पत्‍नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्‍या करने, फिर उसके शव के छोटे-छोट टुकड़े कर तंदूर में जलाने का अपराध साबित हुआ था। वर्ष 2018 में जब 23 वर्ष की सजा के बाद सुनील शर्मा को जेल से रिहा किया गया तो सभी की जुबान पर एक सवाल था कि क्‍यों। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जब फैसला सुनाया था तो उसमें स्‍पष्‍ट किया था कि सुनील शर्मा ने ये जघन्‍य अपराध अपनी पत्‍नी के अवैध संबंधों और उससे नफरत के चलते किया था। ये अपराध समाज के खिलाफ नहीं था। न ही वो समाज के लिए किसी तरह का खतरा था। सुनील शर्मा को भी अच्‍छे बर्ताव के चलते ही जेल से रिहा किया गया था।

जेसिका लाल हत्‍याकांड

जेसिका लाल हत्‍याकांड एक ऐसी घटना थी जिसमें कांग्रेस के नेता का बेटा शामिल था। अप्रैल 1999 में घटी इस घटना में विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा को आरोपी बनाया गया था। ट्रायल कोर्ट ने मनु शर्मा को मामले से बरी कर दिया था, लेकिन हाईकोर्ट ने उसको दोषी मानते हुए दिसंबर 2006 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जून 2020 में जब उसको जेल से रिहा किया गया तब एक बार फिर से ये मामला सुर्खियों में आ गया था। एक इंटरव्‍यू में मनु ने माना था कि उस रात जो कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए था। मनु को भी अच्‍छे चाल-चलन के चलते ही रिहा किया गया था। हालांकि, रिहाई से पहले जब-जब मनु को पैरोल पर छोड़ा गया था तब-तब काफी विवाद हुआ था।  

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