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IAF: वायु सेना अकादमी डंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड में पहुंचे राजनाथ सिंह, बोले- सशस्त्र बलों में परंपराओं और नवाचार के बीच संतुलन हो

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हैदराबाद में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम केवल पारंपरिक मूल्यों का पालन करेंगे तो हम एक स्थिर झील की तरह रहेंगे। हमें बहती नदी के प्रवाह की तरह बनना होगा। इसके लिए हमें पारंपरिक मूल्यों के साथ-साथ नव परिवर्तन को भी अपनाना होगा। उन्होंने कहा सशस्त्र बलों में परंपराओं और नवाचार के बीच संतुलन होना चाहिए।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Mon, 18 Dec 2023 06:33 AM (IST)
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वायु सेना अकादमी डंडीगल में संयुक्त स्नातक परेड में पहुंचे राजनाथ सिंह
पीटीआई, हैदराबाद। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नवाचार को अपनाते हुए सशस्त्र बलों की परंपराओं को कायम रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए।

रक्षामंत्री ने हैदराबाद के निकट डुंडीगल में वायु सेना अकादमी में संयुक्त स्नातक परेड को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम केवल पारंपरिक मूल्यों का पालन करेंगे तो हम एक स्थिर झील की तरह रहेंगे। हमें बहती नदी के प्रवाह की तरह बनना होगा। इसके लिए हमें पारंपरिक मूल्यों के साथ-साथ नव परिवर्तन को भी अपनाना होगा। उन्होंने कहा उड़ते रहो और अधिक से अधिक ऊंचाइयों को छूओ, लेकिन जमीन से आपका जुड़ाव बना रहे।

राजनाथ सिंह ने कहा, सशस्त्र बलों में परंपराएं महत्वपूर्ण हैं

राजनाथ सिंह ने कहा, सशस्त्र बलों में परंपराएं महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। इन्होंने लंबे समय तक महत्वपूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति की है। इसलिये परंपराओं को उचित महत्व देना जरूरी है। अगर हम बिना सोचे-समझे परंपराओं का पालन करेंगे, तो हमारी व्यवस्था में स्वाभाविक रूप से ठहराव आ जाएगा। उन्होंने दुनिया में बदलती परिस्थितियों में नवाचार के महत्व पर जोर दिया। सिंह ने नवनियुक्त फ्लाइंग आफिसर से हमेशा अपनी नई सोच और विचारधारा बनाए रखने का भी आह्वान किया।

213 प्लाइट कैडेटों को मिली नियुक्ति

इससे पहले वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने रक्षा मंत्री का स्वागत किया। 25 महिलाओं सहित कुल 213 फ्लाइट कैडेटों को उनके प्रशिक्षण के पूरा होने पर भारतीय वायु सेना की विभिन्न शाखाओं में नियुक्त किया गया। भारतीय नौसेना के आठ, भारतीय तट रक्षक के नौ और मित्र देशों के दो अधिकारियों को भी उनके उड़ान प्रशिक्षण के पूरा होने के बाद विंग्स से सम्मानित किया गया। परेड का मुख्य आकर्षण कमीशनिंग समारोह था, जिसमें स्नातक फ्लाइट कैडेटों को रक्षा मंत्री द्वारा उनकी स्ट्राइप्स से सम्मानित किया गया।