Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

नई तकनीकों पर राजनाथ सिंह ने दिया जोर, बोले- अब सिर्फ हथियार और गोला-बारूद से नहीं चलेगा काम

नए दौर के संघर्षों और युद्धों में पारंपरिक तथा आधुनिक हथियारों-गोला बारूद के साथ सिविलियन आइटम और तकनीक को ही हमले का हथियार बनाए जाने की चुनौतियों को देखते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के सरकारी तथा निजी रक्षा उद्योग से इसका गहराई से अध्ययन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा पारंपरिक हथियारों और गोला-बारूद के अलावा पूरी तरह से नागरिक तकनीक को हथियार बनाया जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Mon, 07 Oct 2024 09:54 PM (IST)
Hero Image
नई तकनीकों पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिया जोर

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: नए दौर के संघर्षों और युद्धों में पारंपरिक तथा आधुनिक हथियारों-गोला बारूद के साथ सिविलियन आइटम और तकनीक को ही हमले का हथियार बनाए जाने की चुनौतियों को देखते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने देश के सरकारी तथा निजी रक्षा उद्योग से इसका गहराई से अध्ययन करने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक हथियारों और गोला-बारूद के अलावा कई दोहरे उपयोग या पूरी तरह से नागरिक तकनीक को हथियार बनाया जा रहा है।

इसे देखते हुए देश के रक्षा क्षेत्र की प्रगति को इसकी कॉपी करने की बजाय इसे भी आगे बढ़कर विशिष्ट नई तकनीकों की खोज और विकास पर जोर देने की जरूरत बताई जो सेनाओं की आवश्यकताओं से कहीं आगे भविष्य के खतरों से निपटने के लिए फायदेमंद हो। इस दिशा में रक्षा क्षेत्र की मजबूती और आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल करने में रक्षा उद्योग को सरकार की ओर से पूरे सहयोग का वादा किया। नागरिक वस्तुओं का हथियार के रूप में इस्तेमाल किए जाने संबंधी रक्षामंत्री की यह टिप्पणी पिछले दिनों इजरायल और लेबनान के बीच संघर्ष के दौरान पेजर के जरिए किए गए श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है।

पेजरों में धमाके के बाद लिया फैसला

इजरायल ने लेबनान पर अपने हमलों के दौरान संचार के साधन के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले पेजरों में धमाका करा दुनिया को हैरत में डाला दिया था। राजनाथ सिंह ने सोमवार को यहां मानेकशॉ सेंटर में डेफकनेक्ट 4.0 के दौरान आईडीईएक्स (एडीआईटीआई 2.0) चुनौतियों के साथ अभिनव प्रौद्योगिकियों के विकास के दूसरे संस्करण और डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज (डीआईएससी 12) के 12वें संस्करण का आगाज करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज हम तरह-तरह के युद्धों और युद्धों की संभावनाओं के बीच जी रहे हैं। इन युद्धों में लगातार नई-नई तकनीक का समावेश हुए चला जा रहा है।

'आत्मनिर्भरता जैसा बड़ा काम अकेले नहीं कर सकती सरकार'

इनमें न सिर्फ परंपरागत हथियार और गोला बारूद बल्कि बल्कि कई प्रकार की दोहरी और पूरी तरह नागरिक तकनीक संसाधनों को हथियार बनाया जा रहा है। ऐसे में हमें हमें देखना होगा कि किस प्रकार इन तकनीकों का हम कल्पनाशील तरीके से अपनी रक्षा के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं जो बिल्कुल नई हों और सिर्फ हमारी हों। रक्षामंत्री ने कहा कि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जैसा बड़ा काम अकेले सरकार अपने दम पर नहीं कर सकती बल्कि इसके इससे जुड़े हुए सभी हितधारकों का साथ जरूरी है।

रक्षा उद्योग के सरकार से कदम मिलाकर चलने की प्रशंसा करते हुए कहा उन्हें सहयोग का भरोसा दिया और कहा कि चाहे नीतियां हो या स्कीम हर तरीके से मागदर्शन के लिए हम साथ खड़े हैं। ट्रायल एंड टेस्टिंग पोर्टल लांच किए जाने को इसी दिशा में एक पहल बताते हुए कहा कि इनोवेशन के बिना रक्षा क्षेत्र आगे नहीं बढ़ सकता।

निजी क्षेत्र के बीच मजबूत हुई सिनर्जी

रक्षा क्षेत्र के बीच समन्वय बेहतर होने की चर्चा करते हुए राजनाथ ने कहा कि आज गर्व से वे यह कह सकते है कि आधुनिक वार फेयर की जरूरतों को देखते हुए देश के सार्वजनिक क्षेत्र और निजी क्षेत्र के बीच सिनर्जी मजबूत हुई और डेफकनेक्ट का यह मंच सबसे बड़ा उदाहरण है।