गलवान हो या फिर तवांग, हमारे जवानों ने वीरता और पराक्रम को साबित किया: राजनाथ सिंह
FICCI Annual Convention रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम दुनिया के कल्याण के लिए काम करने के लिए एक महाशक्ति बनना चाहते हैं। गलवान हो या तवांग हमारे रक्षा बलों ने अपनी वीरता और पराक्रम को साबित किया है।
By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Sat, 17 Dec 2022 11:43 AM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। FICCI Annual Convention: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने फेडरेशन ऑफ चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) के 95वें वार्षिक सम्मेलन और AGM में अपने संबोधन के दौरान कहा कि, भारत की अर्थव्यवस्था तेजी के साथ आगे बढ़ रही है। राजनाथ ने कहा कि, प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने संबोधन के दौरान देश को पांच संकल्पों के बारे में बताया था, जो भारत को सुपर पावर बनाने के लिए आवश्यक हैं।
जवानों ने पराक्रम को साबित किया
राजनाथ सिंह ने कहा कि, ये नहीं माना जाना चाहिए कि हम किसी देश पर हावी होना चाहते हैं या किसी और देश की एक इंच जमीन पर कब्जा करने का इरादा रखते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि, गलवान हो या तवांग, हमारे रक्षा बलों ने अपनी वीरता और पराक्रम को साबित किया है।
Whether it is Galwan or Tawang, our defence forces have proved their bravery and valour: Defence Minister Rajnath Singh, in Delhi pic.twitter.com/vZqqfS37I3
— ANI (@ANI) December 17, 2022
पीएम ने की थी पांच संकल्पों की बात
राजनाथ सिंह ने कहा कि, प्रधानमंत्री ने 'पंच प्रण' यानी पांच संकल्पों की बात की थी जिनमें पहला-विकसित भारत का निर्माण, दूसरा-गुलामी की हर सोच से मुक्ति, तीसरा-विरासत पर गर्व, चौथा-एकता और एकजुटता और पांचवा-नागरिकों द्वारा कर्तव्य पालन, ये 5 बातें शामिल हैं। इनमें से सबसे पहले संकल्प को पूरा किए बिना भारत विश्व की महाशक्ति नहीं बन सकता।PM during his address from Red Fort talked about five pledges to the country, which are essential to make India super power & it shouldn't be considered that we want to dominate any country or we've the intention to capture even one inch land of any other country:Defence Minister pic.twitter.com/boTuMLoMoB
— ANI (@ANI) December 17, 2022
दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है भारत
रक्षा मंत्री ने कहा कि, हम दुनिया के कल्याण के लिए काम करने के लिए एक महाशक्ति बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि, 1949 में चीन की जीडीपी भारत की तुलना में कम थी। 1980 तक भारत शीर्ष 10 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भी नहीं था। 2014 में भारत विश्व अर्थव्यवस्थाओं में 9वें स्थान पर था। आज भारत 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के करीब है और दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
ये भी पढ़ें: