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Rajnath Singh US Visit: क्या है SOSA समझौता, जिस पर भारत और अमेरिका ने किए हस्ताक्षर? रक्षा क्षेत्र में मिलेगा लाभ

Rajnath Singh US Visit रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपनी चार दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंच गए हैं। पहले दिन भारत और अमेरिका ने रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए अहम समझौते पर हस्ताक्षर किए। इनमें आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (SOSA) समझौता बेहद अहम है। इससे अमेरिका और भारत के बीच रक्षा उद्योग सहयोग को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 23 Aug 2024 09:20 PM (IST)
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भारत-अमेरिका ने SOSA समझौते पर किए हस्ताक्षर। (Photo- ANI)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका ने अपने रक्षा सहयोग को अधिक मजबूती के साथ गति देने के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी के लिहाज से रक्षा जरूरतों की आपूर्ति व्यवस्था की सुरक्षा (एसओएसए) का समझौता बेहद अहम हैं। वहीं भारत और अमेरिका के बीच संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति करने का समझौता वैश्विक रणनीतिक सहयोग के दायरे को विस्तार देगा।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अमेरिका यात्रा के पहले दिन गुरूवार को इन दोनों समझौतों को मूर्त रूप दिया गया। दोनों देशों के रक्षा मंत्रालयों की ओर से जारी बयान में इसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा गया है कि चाहे द्विपक्षीय आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था (एसओएसए) बाध्यकारी नहीं है, मगर आपसी सहयोग को इससे मजबूती मिलेगी। इसके जरिए भारत और अमेरिका अपने राष्ट्रीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लिए पारस्परिक प्राथमिकता समर्थन प्रदान करने पर सहमत हुए हैं।

सप्लाई चेन की रुकावटों को हल करने में होगी आसानी

इस व्यवस्था में दोनों देश अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संसाधनों की अप्रत्याशित आपूर्ति श्रृंखला में आने वाली रूकावटों को हल कर एक-दूसरे से आवश्यक औद्योगिक संसाधन प्राप्त करने में सक्षम होंगे। एसओएसए पर भारत की ओर से रक्षा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक अधिग्रहण समीर कुमार सिन्हा तथा अमेरिका की ओर से उसके रक्षा मंत्रालय में औद्योगिक आधार नीति के प्रधान उप सहायक सचिव डॉ विक रामदास ने हस्ताक्षर किए।

एसओएसए के माध्यम से अमेरिका और भारत के बीच रक्षा उद्योग सहयोग को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा, जबकि संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति समझौते के तहत भारत इंडो-पैसिफिक कमांड (इंडोपैकोम) फ्लोरिडा में विशेष ऑपरेशन कमांड और बहरीन में अमेरिकी नेतृत्व वाली बहुराष्ट्रीय संयुक्त समुद्री सेना (सीएमएफ) में तीन कर्नल स्तर के अधिकारियों को तैनात करेगा।

अधिकारियों की हुई तैनाती

वैसे समझौते की औपचारिकता से पहले ही इन अधिकारियों की तैनाती हो गई है। अमेरिकी अधिकारी रामदास ने इस मौके पर कहा कि आपूर्ति सुरक्षा व्यवस्था अमेरिका-भारत प्रमुख रक्षा साझेदार संबंधों में एक महत्वपूर्ण पल का प्रतिनिधित्व करती है। यह रक्षा प्रौद्योगिकी तथा व्यापार पहल (डीटीटीआई) को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस व्यवस्था में दोनों देश महत्वपूर्ण राष्ट्रीय रक्षा संसाधनों की खरीद के लिए एक-दूसरे के प्राथमिकता वितरण अनुरोधों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अमेरिकी रक्षा विभाग द्वारा कार्यक्रम निर्धारण और वाणिज्य विभाग (डीओसी) द्वारा रेटिंग प्राधिकरण के साथ अमेरिकी रक्षा प्राथमिकता और आवंटन प्रणाली (डीपीएएस) के तहत भारत को आश्वासन प्रदान करेगा। भारत बदले में अपने औद्योगिक आधार के साथ एक सरकारी-उद्योग आचार संहिता स्थापित करेगा जहां भारतीय फर्म स्वेच्छा से अमेरिका को प्राथमिकता सहयोग देने के लिए हर उचित प्रयास पर सहमत होंगे।

यूएस अब तक 17 देशों के साथ कर चुका है समझौता

अमेरिका ने अपने नाटो सहयोगियों समेत 17 देशों के साथ एसओएसए समझौते किए हैं और भारत उसका 18वां साझेदार है। अमेरिका ने जिन अन्य देशों के साथ यह समझौता किया है, उसमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, इजराइल, इटली, जापान, लातविया, लिथुआनिया, नीदरलैंड, नॉर्वे, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, स्पेन, स्वीडन और ब्रिटेन आदि शामिल हैं।