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Rajnath Singh: जापान और मंगोलिया की यात्रा पर आज रवाना होंगे राजनाथ सिंह, टू प्लस टू वार्ता में होंगे शामिल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया और जापान की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह रक्षा सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। वैश्विक स्तर पर बदल रहे राजनीतिक समीकरणों के बीच यह यात्रा काफी अहम है।

By Sonu GuptaEdited By: Updated: Sun, 04 Sep 2022 08:50 PM (IST)
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंगोलिया और जापान की यात्रा पर। (फोटो -एएनआई)
नई दिल्ली, एजेंसी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार को मंगोलिया और जापान की पांच दिवसीय यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह रक्षा सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। वैश्विक स्तर पर बदल रहे राजनीतिक समीकरणों के बीच यह यात्रा काफी अहम है। राजनाथ पांच से सात सितंबर तक मांगोलिया की यात्रा पर रहेंगे। यह किसी भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा इस पूर्वी एशियाई देश की पहली यात्रा होगी। कहा गया है कि जापान में राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने जापानी समकक्षों के साथ टू प्लस टू प्रारूप में विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय संवाद करेंगे।

टू प्लस टू वार्ता में होंगे शामिल

मंगोलिया से रक्षा मंत्री दो दिवसीय यात्रा पर जापान जाएंगे। वह आठ और नौ सितंबर को जापान में होंगे। वह जापान के साथ आठ सितंबर को होने वाली टू प्लस टू वार्ता में शामिल होंगे। भारत और जापान के बीच टू प्लस टू वार्ता की शुरुआत 2019 में दोनों देशों के रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को और मजबूत करने और विशेष रणनीति एवं वैश्विक साझेदारी को गहरा करने के लिए की गई थी। भारत का कुछ ही देशों के साथ टू प्लस टू प्रारूप में मंत्री स्तरीय संवाद होता है। इसमें अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और रूस शामिल हैं।

रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों पर वार्ता होने की उम्मीद

जापान के साथ होने वाली टू प्लस टू वार्ता में दोनों पक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र के घटनाक्रमों पर बातचीत करने के अलावा रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।

भारत आए थे जापानी पीए किशिदा

जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा पांच माह पहले ही भारत-जापान शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे। उनके भारत आने के पांच माह के बाद ही वार्ता होने वाली है। जापानी पीएम ने शिखर सम्मेलन में अगले पांच वर्षों में भारत में पांच ट्रिलियन येन (3,20,000 करोड़ रुपये) के निवेश करने की घोषणा की थी।