राजपथ से कर्तव्य पथ तक: गुलामी का एक और निशान मिटाने की कोशिश, क्या हैं इस बदलाव के मायने
Rajpath to Kartavya Path राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ किए जाने को गुलामी का एक और निशान मिटाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार की इस कोशिश के क्या मायने हैं जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Thu, 08 Sep 2022 07:52 AM (IST)
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव काल में 'सेंट्रल विस्टा' की बदली तस्वीर तो राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया गया। इसे गुलामी का एक और निशान मिटाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से 'पंच प्रण' लिए थे, जिसमें गुलामी की मानसिकता का पूरी तरह से त्याग दूसरा प्रण है। पिछले आठ वर्षों के दौरान इस सरकार की जहां-जहां नजर गई वहां-वहां से गुलामी के निशान मिटा दिए गए।
सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगी
इंडिया गेट से किंग जार्ज पंचम प्रतिमा वाली जगह पर अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगा दी गई है, जिसका अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार को करेंगे। नौसेना के झंडे में सर जार्ज क्रास का निशान होता था, लेकिन उसकी जगह अब वहां हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज जी का मोहर छाप लगा दिया गया है।ये भी पढ़ें-
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