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'कोलकाता में मानवता हुई शर्मसार', धनखड़ ने इशारों-इशारों में ममता बनर्जी को सुनाई खरी-खरी

उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने अपने संबोधन के दौरान कोलकाता मर्डर केस पर बात की। उन्होंने कहा जब मानवता शर्मसार हुई है तो कुछ भटकी हुई आवाजें आती हैं जो चिंता का कारण बनती हैं। उन्होंने ये भी कहा ऐसी आवाजें केवल हमारे असहनीय दर्द को बढ़ाती हैं। उन्होंने आगे कहा ये ऐसा अवसर नहीं है जब आपको राजनीतिक चश्मे से देखना चाहिए।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 01 Sep 2024 04:38 PM (IST)
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कोलकाता मर्डर केस पर उपराष्ट्रपति का संबोधन (फोटो-एएनआई)
एएनआई, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पहुंचे हैं।उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति ने इस दौरान जनता को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कई मुद्दों पर बात की। साथ ही उन्होंने इस दौरान कोलकाता मर्डर केस पर भी बात की। उन्होंने कहा, जब मानवता शर्मसार हुई है, तो कुछ भटकी हुई आवाजें, आवाजें हैं जो चिंता का कारण बनती हैं। उन्होंने ये भी कहा, वे केवल हमारे असहनीय दर्द को बढ़ाते हैं।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, इसे दूसरे ढंग से कहे तो, ऐसे घटनाएं हमारे जख्म पर नमक छिड़क रही हैं। यह एक लक्षणात्मक अस्वस्थता है, बार-बार होने वाली घटना है।

'राक्षसीकरण के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता'

उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा, जब यह किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से आता है जो संसद सदस्य है, एक वरिष्ठ वकील है, तो दोषी अत्यधिक डिग्री का है, इस तरह के राक्षसीकरण के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता। मैं ऐसी गुमराह आत्माओं से अपने विचारों पर फिर से विचार करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आह्वान करता हूं।

'राजनीतिक चश्मे से मत देखिए'

यह ऐसा अवसर नहीं है जब आपको राजनीतिक चश्मे से देखना चाहिए। यह राजनीतिक प्रिज्म खतरनाक है, यह आपकी निष्पक्षता को खत्म कर देता है।

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