उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने CJI के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को किया खारिज
इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया। इस संबंध में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू ने कुछ संविधान विशेषज्ञों से चर्चा व सलाह मशविरा के बाद ये निर्णय लिया।
कांग्रेस के इस नोटिस में जितने सांसदों के हस्ताक्षर थे उसमें से 7 सांसद रिटायर हो चुके हैं और इसी को आधार बनाते हुए उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को खारिज किया है। साथ ही उपराष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को राजनीति से प्रेरित भी बताया है। उन्होंने कहा है कि प्रस्ताव में चीफ जस्टिस पर लगाए गए सभी आरोपों को मैंने देखा और साथ ही उसमें लिखी अन्य बातें भी देखीं।
उपराष्ट्रपति के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा नेता नलीन कोहली ने कहा कि कांग्रेस की सारी बाते हवा में होती है। न्यायपालिका का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए।राजनीतिक दलों की अोर से इस बारे में नोटिस मिलने के बाद नायडू 4 दिन की छुट्टी पर आंध्र गए थे, लेकिन मामला गंभीर होते देख वह रविवार को ही दिल्ली लौट आए थे। सोमवार को उपराष्ट्रपति ने इस बारे में फैसला किया। इस फैसले से चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की मुहिम चलाने वाली कांग्रेस को करारा झटका लगा है। कांग्रेस के नेतृत्व में सात दलों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव उपराष्ट्रपति को दिया था। यह एक अभूतपूर्व कदम था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के खिलाफ कभी भी महाभियोग का प्रस्ताव नहीं आया था।
इससे पहले रविवार शाम उपराष्ट्रपति ने लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, पूर्व विधि सचिव पीके मलहोत्रा, पूर्व विधायी सचिव संजय सिंह व राज्यसभा सचिवालय के अधिकारी से चर्चा की थी। बताते हैं कि देर शाम सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी से भी उनकी मुलाकात हुई।
गौरतलब है कि विपक्ष की ओर से कांग्रेस ने रविवार को प्रेसवार्ता कर जहां भाजपा पर निशाना साधा था कि वह इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही है। वहीं सभापति से आशा जताई थी कि जल्द फैसला होगा। सूत्रों के अनुसार यूं तो वेंकैया मीडिया में जाने के विपक्ष के आचरण से नाराज थे, लेकिन महाभियोग नोटिस की गंभीरता का ध्यान रखते हुए अपना बाहर का दौरा छोटा किया और दिल्ली पहुंच गए।
जानिए- अब क्या हो सकता है
सभापति के नोटिस अस्वीकार करने के आदेश को कांग्रेस यदि सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती है, तो उस पर सुनवाई करने वाली पीठ सीजेआई ही तय करेंगे, क्योंकि चीफ जस्टिस ही मास्टर आफ रोस्टर होते हैं।
इन आधारों पर लाया गया था महाभियोग