Move to Jagran APP

Rajya Sabha Election: कैसे होता है राज्यसभा चुनाव और कौन करता है मतदान? इस फॉर्मूले से तय होती है जीत

Rajya Sabha Election Explainer राज्यसभा चुनाव में न तो गुप्त मतदान होता है और न ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता है। इसमें चुनाव का ढांचा थोड़ा अलग होता है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है। इसमें विधायकों को वरीयता के आधार पर उसपर चिह्न लगाना होता है।

By Devshanker ChovdharyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Mon, 17 Jul 2023 04:57 PM (IST)
Hero Image
Rajya Sabha Election: जानें कैसे होता है राज्यसभा चुनाव?
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Rajya Sabha Election 2023: बंगाल, गुजरात और गोवा में राज्यसभा चुनाव होने है। इसके लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन सहित अन्य नेताओं ने राज्यसभा के लिए नामांकन किया है। हालांकि, इनमें से कई नेताओं के जीत तय हो चुके हैं, क्योंकि कई सीटों पर एक ही उम्मीदवार ने नामांकन कराया है।

कैसे होता है राज्यसभा का चुनाव?

राज्यसभा सदस्यों के लिए चुनाव की प्रक्रिया अन्य चुनावों के काफी अलग है। राज्यसभा के सदस्य अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं। यानी कि राज्यसभा सदस्यों का चुनाव सीधे जनता नहीं करती, बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि राज्यसभा सदस्यों को चुनते हैं।

राज्यसभा चुनाव के लिए कौन करता है मतदान?

राज्यसभा चुनाव के लिए राज्यों के विधायक मतदान करते हैं। इस चुनाव में सीधे जनता वोटिंग नहीं करती है। इस चुनाव में जिस पार्टी के पास विधायकों की संख्या अधिक होती है उस पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवार की जीत तय होती है।

क्या है राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग का फॉर्मूला?

राज्यसभा चुनाव में न तो गुप्त मतदान होता है और न ही इसमें ईवीएम का प्रयोग होता है। इसमें चुनाव का ढांचा थोड़ा अलग होता है। राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम के आगे एक से चार तक का नंबर लिखा होता है। इसमें विधायकों को वरीयता के आधार पर उसपर चिह्न लगाना होता है।

राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए कितने वोटों की जरूरत होती है ये पहले से ही तय होता है। वोटों की संख्या, कुल विधायकों की संख्या और राज्यसभा सीटों की संख्या के आधार पर निकाली जाती है। इसमें एक विधायक की वोट की वैल्यू 100 होती है।

राज्यसभा चुनाव के लिए एक फॉर्मूला का उपयोग किया जाता है। इसमें कुल विधायकों की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है। इसके बाद राज्य में जितनी राज्यसभा की सीटें हैं उसमें एक जोड़ कर भाग दिया जाता है। इसके बाद कुल संख्या में एक जोड़ा जाता है। फिर अंत में जो संख्या निकलती है वह जीत के लिए चाहिए होता है।

राज्यसभा चुनाव के लिए फॉर्मूला

कुल विधायकों की संख्याx100/(राज्यसभा की सीटें+1)= +1

उदाहरण

जैसे- अभी गुजरात में राज्यसभा चुनाव होने है और राज्य में राज्यसभा की 11 सीटें हैं। गुजरात में 182 विधायक हैं। अभी तीन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, तो इसका फॉर्मूला कुछ ऐसा होगा--

182*100= 18200/3+1= 4550+1= 4551

चूंकि एक विधायक के वोट की वैल्यू 100 होती है। इसलिए गुजरात में अभी एक राज्यसभा सीट पर जीत के लिए कम से कम 46 विधायकों की जरूरत होगी।

कैंसे आवंटित होती राज्यसभा सीटें?

राज्यसभा सीटों का आवंटन राज्य की जनसंख्या के आधार पर तय होता है। जिस राज्य में जितनी जनसंख्या है उस राज्य को उसी हिसाब से सीटें मिलती है। उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 31 राज्यसभा की सीटें हैं। राज्यसभा को संसद का उच्च सदन कहा जाता है।

राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल

राज्यसभा एक स्थाई सदन है। यानी कि ये कभी भंग नहीं हो सकता है। इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक दो वर्ष के बाद रिटायर होते हैं। राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। लोकसभा का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है और वह अस्थाई सदन है।

राज्यसभा सीटों की संख्या

देश में राज्यसभा सीटों की कुल संख्या 245 हैं। इनमें से 233 सीटों पर अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव होते हैं और 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनित करते हैं।