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राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने 12 सांसदों को हंगामे का दोषी ठहराया, इन नेताओं को मिलेगी छूट

समिति ने कहा कि संजय सिंह शक्ति सिंह गोहिल सुशील कुमार गुप्ता संजीव कुमार पाठक नारणभाई जे. राठवा ए हनुमनथैया सैयद नासिर हुसैन कुमार केतकर फूलो देवी नेताम जेबी माथेर हिशाम रंजीत रंजन और इमरान प्रतापगढ़ी को विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन और राज्यसभा की अवमानना का दोषी ठहराया जाता है। समिति ने सिफारिश की है कि कुमार केतकर नारणभाई जे. राठवा और एल हनुमनथैया के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी चाहिए।

By Agency Edited By: Abhinav Atrey Published: Thu, 27 Jun 2024 11:45 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jun 2024 11:45 PM (IST)
समिति ने संजय सिंह समेत इन सांसदों को आगे ऐसा नहीं करने की दी चेतावनी। (फाइल फोटो)

पीटीआई, नई दिल्ली। राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति ने 12 विपक्षी सांसदों को पिछले साल अगस्त में सदन की कार्यवाही को बाधित करने के लिए कदाचार का दोषी ठहराया है। इन सांसदों में आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी शामिल हैं। समिति ने उन्हें आगाह किया कि वे भविष्य में इस तरह का व्यवहार करने से बचें।

गुरुवार को विशेषाधिकार समिति ने संसद के उच्च सदन में रिपोर्ट पेश की। इसमें उसने आप सांसद संजय सिंह को सभापति के निर्देशों की अवहेलना करने का दोषी ठहराया। समिति ने इस मामले में संजय सिंह की माफी स्वीकार की और माना कि उन्हें मिली सजा पर्याप्त है। इसने आप सांसद के निलंबन को भी रद करने की सिफारिश की।

जानबूझकर स्पीकर के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप

आप सांसद को 24 जुलाई, 2023 को एक प्रस्ताव के जरिये सदन से निलंबित किया गया था। उन पर जानबूझकर स्पीकर के निर्देशों की अवहेलना करने, बार-बार सदन के नियमो का उल्लंघन करने और सदन के नेता पर आरोप लगाकर विशेषाधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगा था।

इन सांसदों को अवमानना का दोषी ठहराया

समिति ने कहा कि संजय सिंह, शक्ति सिंह गोहिल, सुशील कुमार गुप्ता, संजीव कुमार पाठक नारणभाई जे. राठवा, ए हनुमनथैया, सैयद नासिर हुसैन, कुमार केतकर, फूलो देवी नेताम, जेबी माथेर हिशाम, रंजीत रंजन और इमरान प्रतापगढ़ी को विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन और राज्यसभा की अवमानना का दोषी ठहराया जाता है।

सांसदों को भविष्य में कदाचार से बचना चाहिए

समिति ने सिफारिश की है कि कुमार केतकर, नारणभाई जे. राठवा और एल हनुमनथैया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। वे अब सदन की सदस्यता से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि संजय सिंह समेत इन सभी सांसदों को भविष्य में इस तरह के कदाचार से बचना चाहिए और सदन में अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए अनुकरणीय आचरण का पालन करना चाहिए।

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