राजीव गांधी के हत्यारों से लेकर हाजी मस्तान तक के वकील रहे जेठमलानी, इतनी लेते थे फीस
आजाद भारत के सबसे महंगे और वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके वकालत के करियर में उन्हें कई विवादित केस लड़े हैं।
By Ayushi TyagiEdited By: Updated: Mon, 09 Sep 2019 12:04 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण स्पेशल। आजाद भारत में वकालत के पेशे को एक अलग ही मुकाम पर पहुंचाने वाले वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का आज (रविवार) 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वकालत में ही नहीं जेठमलानी राजनीति में भी एक जाना-पहचाना नाम थे। जेठमलानी देश के सबसे महंगे वकीलों में से थे। वह केस लड़ने के लिए लाखों रूपये की फीस लेते थे। उन्होंने कई हाई प्रोफाइल और विवादित केस लड़ें है जिनकी वजह से उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा। चलिए तो हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ अनसुनी बातों के बारे में बताते हैं।
पाकिस्तान के शिकारपुर में हुआ जन्म
राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान (तब वह भारत का हिस्सा हुआ करता था) के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 में हुआ था। वह पढ़ने में बेहद ही अच्छे छात्र थे। कहा जाता है कि उन्होंने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई महज एक साल में ही पूरी कर ली थी। 13 साल की छोटी उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक पास की थी। उनके दादा और पिता बोलचंद गुरमुख दास भी पेशे से वकील ही थे। जेठमलानी ने अपने जीवन में कई हाई प्राफाइल केस लड़ें हैं।
राम जेठमलानी का जन्म पाकिस्तान (तब वह भारत का हिस्सा हुआ करता था) के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 में हुआ था। वह पढ़ने में बेहद ही अच्छे छात्र थे। कहा जाता है कि उन्होंने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई महज एक साल में ही पूरी कर ली थी। 13 साल की छोटी उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक पास की थी। उनके दादा और पिता बोलचंद गुरमुख दास भी पेशे से वकील ही थे। जेठमलानी ने अपने जीवन में कई हाई प्राफाइल केस लड़ें हैं।
पहले ही केस से सुर्खियों में आ गए थे
17 साल की उम्र में जब उन्होंने वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद अपना पहला केस लड़ा उसी के साथ वह सुर्खियों में छा गए। वर्ष 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का केस जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ लड़ा था। नानावटी नेवी अफसर थे, जिन्होंने अपनी ही पत्नी के प्रेमी को गोली मार दी थी। इसके बाद नानावटी ने सरेंडर कर अपना अपराध स्वीकार लिया था। उन्हें तीन साल जेल में गुजारने पड़े। जेठमलानी ने उनका केस लड़ा और उन्हें रिहा करा लिया था। जानकारी के लिए बता दें कि इसी केस पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म रूस्तम भी बनी है।
17 साल की उम्र में जब उन्होंने वकालत की डिग्री हासिल करने के बाद अपना पहला केस लड़ा उसी के साथ वह सुर्खियों में छा गए। वर्ष 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का केस जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ लड़ा था। नानावटी नेवी अफसर थे, जिन्होंने अपनी ही पत्नी के प्रेमी को गोली मार दी थी। इसके बाद नानावटी ने सरेंडर कर अपना अपराध स्वीकार लिया था। उन्हें तीन साल जेल में गुजारने पड़े। जेठमलानी ने उनका केस लड़ा और उन्हें रिहा करा लिया था। जानकारी के लिए बता दें कि इसी केस पर बॉलीवुड अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म रूस्तम भी बनी है।
70 से 80 के दशक में कहा जाता था स्मगलरों का वकील
उन्होंने मुंबई और दिल्ली की अलग-अलग कोर्ट में कई स्मगलरों के केस लड़े थे। जेठमलानी ने अपनी दलीलों के दम पर अधिकतर स्मगलरों के केस जीते थे। 70 और 80 के दशक में उन्हें इसी वजह से स्मगलरों का वकील भी कहा जाने लगा था। बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन की फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' आपने देखी ही होगी। 1960 के दशक में इसी डॉन हाजी मस्तान के स्मगलिंग के कई मुकदमों की पैरवी उन्होंने की थी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारों का भी लड़ा केस
जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निधन हुआ तब पूरे देश में शोक की लहर थी। देश का कोई भी वकील इंदिरा के हत्यारों का केस लड़ने के लिए तैयार नहीं था। तब रामजेठमलानी ने ही आरोपी सतवंत सिंह और केहर सिंह का केस लड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन की तरफ से भी जेठमलानी ने केस लड़ा था। आरोपियों की तरफ से पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलवा दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने और भी कई बड़े-बड़े केस लड़े हैं-
राम जेठमलानी के देश के सबसे महंगे वकीलों में ऐसे ही नहीं गिना जाता है। वह एक केस लड़ने के 25 लाख रुपये लेते थे। हालांकि, उनके क्लाइंट भी उन्हें कोई भी रकम देने के लिए तैयार हो जाते थे। साथ ही जेठमलानी हर हियरिंग के लिए भी चार्ज करते थे। वह प्रति हियरिंग 10 लाख रुपये लेते थे। ये भी पढ़ें : Ram Jethmalani passes away: लोधी रोड श्मशान घाट पर आज शाम को होगा अंतिम संस्कार
उन्होंने मुंबई और दिल्ली की अलग-अलग कोर्ट में कई स्मगलरों के केस लड़े थे। जेठमलानी ने अपनी दलीलों के दम पर अधिकतर स्मगलरों के केस जीते थे। 70 और 80 के दशक में उन्हें इसी वजह से स्मगलरों का वकील भी कहा जाने लगा था। बॉलीवुड अभिनेता अजय देवगन की फिल्म 'वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई' आपने देखी ही होगी। 1960 के दशक में इसी डॉन हाजी मस्तान के स्मगलिंग के कई मुकदमों की पैरवी उन्होंने की थी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के हत्यारों का भी लड़ा केस
जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का निधन हुआ तब पूरे देश में शोक की लहर थी। देश का कोई भी वकील इंदिरा के हत्यारों का केस लड़ने के लिए तैयार नहीं था। तब रामजेठमलानी ने ही आरोपी सतवंत सिंह और केहर सिंह का केस लड़ा था। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारे वी श्रीहरन उर्फ मुरुगन की तरफ से भी जेठमलानी ने केस लड़ा था। आरोपियों की तरफ से पैरवी करते हुए जेठमलानी ने फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलवा दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने और भी कई बड़े-बड़े केस लड़े हैं-
- उपहार सिनेमा अग्निकांड में जेठमलानी ने आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पैरवी की थी।
- देश के चर्चित घोटालों में से एक 2G घोटाले में वह डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से वकालत की थी। इसी घोटाले में उन्होंने यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई थी।
- सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में जेठमलानी अमित शाह की तरफ से पेश हुए थे। इनके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में भी उन्होंने पैरवी की थी।
- जेसिका लाल मर्डर केस तो याद ही होगा आपको जिसके ऊपर फिल्म भी बनी थी। इस केस में उन्होंने मनु शर्मा की तरफ से पेशी की थी।
- वर्ष 2013 में नाबालिग लड़की के साथ यौन शोषण के आरोप में जेठमलानी ने आसाराम बापू की तरफ से पैरवी की।
- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तरफ से चारा घोटाले में भी उन्होंने पैरवी की थी। देश के बड़ें कारोबारियों में से एक सुब्रतो रॉय सहारा की तरफ से भी उन्होंने केस लड़ा है।
- देश की संसद पर हमला करने वाले आरोपी अफजल गुरु के लिए भी जेठमलानी ने पैरवी की थी। अफजल को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ जेठमलानी ने केस लड़ा था। हालांकि, वह इसमें कामयाब नहीं हो पाए थे।
- 2017 में सन्यांस लेने से पहले उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तत्कालीन वित्त मंत्री रहे स्वर्गीय अरुण जेटली के खिलाफ मानहानी का केस लड़ा थी।
राम जेठमलानी के देश के सबसे महंगे वकीलों में ऐसे ही नहीं गिना जाता है। वह एक केस लड़ने के 25 लाख रुपये लेते थे। हालांकि, उनके क्लाइंट भी उन्हें कोई भी रकम देने के लिए तैयार हो जाते थे। साथ ही जेठमलानी हर हियरिंग के लिए भी चार्ज करते थे। वह प्रति हियरिंग 10 लाख रुपये लेते थे। ये भी पढ़ें : Ram Jethmalani passes away: लोधी रोड श्मशान घाट पर आज शाम को होगा अंतिम संस्कार