Ram Mandir: रात में कुछ यूं जगमगाएगा राम मंदिर, रामभक्तों को मंत्रमुग्ध कर रही ये तस्वीरें और वीडियो
Ram Mandir राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट वाले लगातार राम मंदिर परिसर की भव्यता की तस्वीरें दुनिया से शेयर कर रही है। राम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर गरुण की विशाल मूर्ति लगाई गई है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार राम मंदिर एक तीन मंजिल मंदिर है। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
एएनआई, नई दिल्ली। Ram Mandir। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। अब राम भक्तों को 22 जनवरी का इंतजार है, जब रामलला अपने भव्य राम मंदिर में विराजमान होंगे। राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट वाले लगातार राम मंदिर परिसर की भव्यता की तस्वीरें दुनिया से साझा कर रही है।
करोड़ों राम भक्तों की कोशिश है कि वे जल्द से जल्द राम मंदिर को देखने अयोध्या पहुंचे। इसी बीच, ट्र्स्ट ने कुछ नई तस्वीरें और एक वीडियो साझा की हैं, जिसमें आप देख सकते हैं कि रात में राम मंदिर परिसर कितना अलौकिक दिखेगा।
राम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार पर गरुण की विशाल मूर्ति लगाई गई है। (फोटो सोर्स: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट)
राम मंदिर के छत के चारों ओर का नजारा। (फोटो सोर्स: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट)राम मंदिर के दीवारों पर शानदार नक्कासी की गई है। (फोटो सोर्स: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट)राम मंदिर की भूतल की छत पर कोब लाइटिंग लगाई गई है। (फोटो सोर्स: राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट)राम मंदिर परिसर की एक वीडियो भी राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने साझा किया है।
500 वर्षों के तप की परिणति।
The Sacred Garbhagriha of Prabhu Shri Ramlalla Sarkar is ready in all its glory to welcome the aaradhya of millions of Ram Bhakts across the world. pic.twitter.com/WWJjWc41va
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) January 8, 2024श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के अनुसार, राम मंदिर एक तीन मंजिल मंदिर है। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट है। राम मंदिर में कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे हैं।
- मंदिर को नागर शैली वास्तुकला के जरिए बनाया जा रहा है।
- मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी।
- मंदिर में 5 मंडप होंगे। नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप व कीर्तन मंडप।
- दिव्यांगजन एवं वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प व लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।
- मंदिर परिसर में पौराणिक काल का सीताकूप विद्यमान रहेगा।
- मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, माता शबरी और ऋषिपत्नी देवी अहिल्या की मंदिर भी बनाई जा रही है।
- मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं होगा।
- मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।