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Ram Mandir: 22 जनवरी को पधारेंगे रामलला, पढ़ें प्राण प्रतिष्ठा से लेकर दर्शन और टिकट से जुड़े सभी सवालों के जवाब

Ramlala Pran Pratishtha Update अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 16 जनवरी से विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है। 22 जनवरी को पूरे विधि-विधान से प्राण-प्रतिष्ठा होने के बाद यह अनुष्ठान समाप्त हो जाएगा। इसके बाद यह मंदिर 23 जनवरी से आम भक्तों के लिए खुल जाएगा। ऐसे में भक्तों के मन में मंदिर को लेकर कई तरह के सवाल आ रहे हैं जिनके जवाब यहां पढ़ें।

By Shalini Kumari Edited By: Shalini Kumari Updated: Sat, 20 Jan 2024 11:49 AM (IST)
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प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में रहेंगे पांच गणमान्य (फाइल फोटो)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। अब हर किसी को प्रभु श्रीराम का इंतजार है। 16 जनवरी को विशेष पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है और रामलला की मूर्ति भी गर्भगृह में रख दी गई है। 21 जनवरी तक हर दिन अलग-अलग विधि विधान से अनुष्ठान होंगे और 22 जनवरी को भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर राम भक्तों में काफी उत्साह और प्रसन्नता देखने को मिल रही है। ऐसे में राम भक्तों के मन में प्राण प्रतिष्ठा और राम मंदिर को लेकर कई तरह के सवाल है कि आखिर 22 जनवरी को ही प्राण प्रतिष्ठा क्यों हो रही है, पूरी प्रक्रिया क्या होगी आदि। इस खबर में हम आपको राम मंदिर से लेकर रामलला के दर्शन तक 22 जनवरी को लेकर कई सवालों के जवाब बताएंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 16 जनवरी से 22 जनवरी तक चलेगी। 16 जनवरी से 21 जनवरी तक अलग-अलग विधि विधान से पूजा अर्चना की जा रही है और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ यह समाप्त हो जाएगा।

मंदिर के भीतर रामलला का अभिषेक दोपहर 12.15 से 12.45 के बीच सटीक समय पर किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का शुभ मुहूर्त है, 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकंड तक होगा।

सबसे पहले प्रभु श्री राम की मूर्ति का पानी और दूध से अभिषेक किया जाएगा और फिर साधु-संतों के मंत्रों के बीच मूर्ति को पूर्व की ओर स्थापित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा करेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गर्भगृह में पीएम मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, RSS प्रमुख मोहन भागवत और आचार्य मौजूद रहेंगे। इस समारोह में राजनेता, फिल्मी हस्तियां, उद्योगपति और सहित 7,000 से अधिक लोग शामिल होंगे।

राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे, जिनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित होंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर और दक्षिण भुजा में हनुमान जी का मंदिर है।

रामलला की पुरानी मूर्ति फिलहाल छोटे मंदिर में स्थापित है, उसकी भी नई मूर्ति के साथ गर्भगृह में ही प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

रामलला की मूर्ति कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है। यह मूर्ति भगवान राम का बालस्वरूप है, जिसमें उन्हें पांच साल के बच्चे की तरह दिखाया गया है।

'प्राण प्रतिष्ठा' के बाद, जब मूर्ति में देवता की सभी शक्तियां समाहित हो जाएंगी, तो इसे गर्भगृह में अपने स्थान पर स्थापित कर दिया जाएगा। इसके बाद मूर्ति के सामने एक दर्पण रखा जाएगा और मूर्ति की आंखों में काजल लगाया जाएगा।

हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, 22 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इसी दिन भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन में मदद करने के लिए कछुए का रूप धारण किया था।

23 जनवरी से आम जनता नवनिर्मित मंदिर के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए किसी पास या टिकट की जरूरत नहीं पड़ेगी।

राम मंदिर लगभग 1,800 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है। आधिकारिक अनुमान के अनुसार, राम मंदिर में प्रतिदिन 1,00,000 से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद है।

आम जनता के लिए दर्शन का समय सुबह 7 बजे से 11 बजे, दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक होगा। वहीं, आरती का समय दोपहर 12 बजे और शाम 7 बजे का तय किया गया है। आरती में शामिल होने के लिए पास की व्यवस्था की जाएगी।

प्रसाद 10-15 दिन सुरक्षित रहने वाला होगा। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष के मुताबिक, यहां पर तिरुपति मंदिर जैसा प्रसाद मिलेगा। मंदिर से प्रसाद खरीदा भी जा सकता है।