Ram Mandir Security: परमाणु हमलों से निपटने वाली टीम अयोध्या में मौजूद, NDRF के HAZMAT वाहन शहर में लगा रहे चक्कर
अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार (22 जनवरी) को होनी है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के साथ में सभी एजेंसियों ने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बीच शुक्रवार को एनडीआरएफ की कई टीमों को अयोध्या में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने बताया कि टीमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अयोध्या में ड्रील कर रही हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा सोमवार (22 जनवरी) को होनी है। इसके लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के साथ में सभी एजेंसियों ने लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। इस बीच शुक्रवार को एनडीआरएफ की कई टीमों को अयोध्या में तैनात किया गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि प्रशिक्षित एनडीआरएफ की टीम में रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु हमलों के साथ-साथ भूकंप और डूबने की घटनाओं जैसी आपदाओं से निपटने वाले जवान शामिल हैं। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि टीमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अयोध्या में ड्रील कर रही हैं।
G20 सम्मेलन के दौरान खरीदे गए थे वाहन
उन्होंने कहा, "एनडीआरएफ की कई टीमें, HAZMAT (खतरनाक सामग्री) वाहन जो दिल्ली में हाल ही में संपन्न G20 शिखर सम्मेलन के दौरान बल द्वारा खरीदे गए थे, उन्हें किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए अयोध्या में तैनात किया गया है।"
अयोध्या शहर में डेरा डाले हुए हैं कमांडिंग ऑफिसर
अतुल करवाल ने कहा, वाराणसी में स्थायी रूप से मौजूद हमारी बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर अपने जवानों और विशेषज्ञों के साथ अयोध्या शहर में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने कहा कि 22 जनवरी के राम मंदिर के आयोजन के बाद तक हमारी टीमें अयोध्या में ही तैनात रहेंगी। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ में सौकड़ों गणमान्य लोग शामिल होंगे।
वाहनों की कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये
बता दें कि मल्टी-टन HAZMAT वाहनों को रक्षा मंत्रालय के भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने बनाया है। प्रत्येक स्वदेशी वाहन की कीमत लगभग 15 करोड़ रुपये है। एनडीआरएफ के पास फिलहाल ऐसे सात वाहन मौजूद हैं और उनमें से करीब दो से तीन वाहन अयोध्या भेजे गए हैं।
सरयू नदी में गोताखोर टीमें तैनात
वहीं, एनडीआरएफ के एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि डूबने की किसी भी घटना से निपटने के लिए गोताखोर टीमों को सरयू नदी में तैनात किया गया है। एनडीआरएफ की स्थापना साल 2006 में की गई थी।
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