बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे बम धमाका मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक बम धमाका का निर्देश पाकिस्तान से मिला था। आतंकियों का बड़े स्तर पर तबाही मचाने का प्लान था। एक हफ्ते तक बम बनाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद आरोपितों ने ऑनलाइन विस्फोटक समेत अन्य सामान मंगवाया और वारदात को अंजाम दिया।
आईएएनएस बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु स्थित रामेश्वरम कैफे विस्फोट के तार पाकिस्तान और आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुड़ने की बात सामने आई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में जेल में बंद संदिग्ध आतंकियों के पाकिस्तान और आईएस से संबंध होने की बात उजागर हुई है। बेंगलुरु स्थित रामेश्वरम कैफे में गत एक मार्च को विस्फोट हुआ था, जिसमें नौ लोग घायल हुए थे।
पाकिस्तान से मिले थे निर्देश
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को यह भी पता चला कि जेल में बंद आतंकियों को पाकिस्तान से भारत में विनाशकारी गतिविधियों को अंजाम देने के निर्देश भी मिले थे। कैफे धमाके का मुख्य आरोपित अभी तक पकड़ में नहीं आया है और उसके पाकिस्तान में होने का संदेह है। धमाके में छह लोगों का एक समूह शामिल था और ये सभी आईएस से जुड़े थे। इनमें से चार को आईएस ने बम बनाने को प्रशिक्षण दिया था।
(एनआईए ने जारी की थी संदिग्ध की फोटो)
ऑनलाइन मिला था बम बनाने का प्रशिक्षण
कैफे विस्फोट मामले में जेल में बंद संदिग्ध आतंकियों मुसाविर हुसैन शाजिब, अब्दुल मतीन ताहा, माज मुनीर अहमद और एक अन्य को बम बनाने का प्रशिक्षण मिला था। सूत्रों ने बताया कि पूरा प्रशिक्षण ऑनलाइन दिया गया था और एक सप्ताह में पूरा हुआ था।
ऑनलाइन खरीदा था बम बनाने का सामान
आरोपितों ने ऑनलाइन कच्चा माल खरीदकर एक सप्ताह में एक बम तैयार किया था। एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में गत नौ सितंबर को चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें चार आरोपितों मुसाविर हुसैन, अब्दुल मतीन, माज मुनीर और मुजम्मिल शरीफ को आरोपित बनाया गया है। ये चारों जेल में हैं।
आईईडी से किया गया था धमाका
एक मार्च को बेंगलुरु के लोकप्रिय रामेश्वरम कैफे में बम धमाका हुआ था। इस धमाके को आईईडी के माध्यम से अंजाम दिया गया था। आरोपी ने धमाके से पहले इडली का ऑर्डर दिया था। मगर वह उसे खाए बिना ही वहां से चला गया। मगर कैफे के अंदर विस्फोटक से भरा अपना बैग रख गया था। उसके जाने के करीब एक घंटे बाद बैग में धमाका हुआ था। इस मामले में एनआईए कई राज्यों में छापामारी कर चुकी है।
विस्फोटक रखने वाले ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता से दबोचा गया था। दोनों पर तीन-तीन लाख रुपये का इनाम था। जांच में सामने आया कि दोनों ही शिवमोगा के आईएस मॉड्यूल से जुड़े थे। अधिकारियों के मुताबिक इसी आतंकी मॉड्यूल ने 19 नवंबर 2022 को मंगलुरु में भी धमाका किया था।
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