Auroral Red Arc: धरती से टकराया शक्तिशाली सौर तूफान, भारत में भी दिखा असर; रात में लाल रोशनी से नहाया लद्दाख
शनिवार की रात लद्दाख के हानले में डार्क स्काई रिजर्व में आसमान में दुर्लभ ध्रुवीय अरोरा उभरा (Auroral Red Arc) जिससे यहां के कुछ हिस्सों में गहरे लाल रंग की चमक ने रात के अंधेरे में आसमान को लाल रोशनी से भर दिया। यह दुर्लभ खगोलीय घटना तेज सौर चुंबकीय तूफानों की वजह से हुई है। इसके साथ ही कई यूरोपिय देशों में भी ये खगोलीय घटना देखी गई है।
एएफपी, वॉशिंगटन। पृथ्वी से शुक्रवार को दो दशक बाद सबसे शक्तिशाली सौर तूफान टकराया। इससे तस्मानिया से ब्रिटेन तक आसमान में ध्रुवीय ज्योति (औरोरा) नजर आई। विज्ञानियों ने सौर तूफान से उपग्रहों, बिजली ग्रिडों के साथ ही महत्वपूर्ण संचार और जीपीएस प्रणाली को खतरा बताया है। यह सप्ताहांत तक जारी रहेगा।
नेशनल ओशनिक एंड एटमास्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (एनओएए) के अंतरिक्ष मौसम अनुमान केंद्र के अनुसार, कई कोरोनल मास इजेक्शन के चलते धरती पर यह तूफान आया है। उल्लेखनीय है कि सूर्य की सतह से प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र के निकलने को कोरोनल मास इजेक्शन कहा जाता है। इस सौर तूफान को जी5 कैटगरी का बताया है।
आने वाले दिनों में सौर तूफानों के पृथ्वी से टकराने की आशंका
इस कैटेगरी को सबसे चरम स्तर माना जाता है। यह अक्टूबर 2003 के हैलोवीन तूफान के बाद पहला इतना तीव्र तूफान है। आने वाले दिनों में और अधिक सौर तूफानों के पृथ्वी से टकराने की आशंका है।सचेत रहने की सलाह
इस तरह का तूफान संचार नेटवर्क, उपग्रह संचालन और हाई फ्रीक्वेंसी रेडियो कम्युनिकेशन के लिए खतरनाक है। तूफान पावर ग्रिडों के उच्च-वोल्टेज ट्रांसमिशन लाइनों के लिए खतरा पैदा करता है। हालांकि, आम तौर पर लोगों के घरों में पाई जाने वाली विद्युत लाइनों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ता। उपग्रह पर प्रभाव पड़ने से पृथ्वी पर नेविगेशन और संचार सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
लद्दाख के आसमान में दिखा दुर्लभ ध्रुवीय अरोरा
इसके अलावा भारत में शनिवार की रात लद्दाख के हानले में डार्क स्काई रिजर्व में आसमान में दुर्लभ ध्रुवीय अरोरा उभरा (Auroral Red Arc), जिससे यहां के कुछ हिस्सों में गहरे लाल रंग की चमक ने रात के अंधेरे में आसमान को लाल रोशनी से भर दिया। यह दुर्लभ खगोलीय घटना तेज सौर चुंबकीय तूफानों की वजह से हुई है।
अंतरिक्ष विज्ञान उत्कृष्टता केंद्र के वैज्ञानिकों के मुताबिक, सौर तूफान या कोरोनल मास इजेक्शन सूरज के AR13664 क्षेत्र से आती हैं, इससे कई उच्च ऊर्जा सौर ज्वालाएं उभरती हैं। यह ज्वालाएं 800 किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से धरती की ओर यात्रा कर रही हैं।