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Ratan Tata Birthday: क्यों अधूरी रह गई रतन टाटा की प्रेम कहानी? पिता और दादी के साथ दिलचस्प रहा रिश्ता

Ratan Tata टाटा ग्रुप को आसमान की बुलंदियों तक पहुंचाने वाले रतन टाटा की जिंदगी काफी रोचक है। अक्सर लोग यह बात पूछते हैं कि आखिर क्यों रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की? भले ही रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की लेकिन उनकी एक प्रेम कहानी जरूर है। आइए पढ़ते हैं कि रतन टाटा की प्रम कहानी कैसे अधूरी रह गई।

By Piyush Kumar Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 28 Dec 2022 08:10 PM (IST)
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भारत के मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा की फाइल फोटो।
Ratan Tata Birthday। रतन टाटा (Ratan Tata) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दुनिया में बिजनेसमैन तो कई हैं, लेकिन रतन टाटा जैसा कोई नहीं। उनकी शख्सियत का कोई सानी नहीं है। जमशेद जी टाटा के मुंह बेले बेटे ने 'टाटा ग्रुप' (Tata Group) को आज उस अर्श पर पहुंचा दिया है, जिसके आगे दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां बौनी नजर आती है। कहा जाता है कि कुछ पाना के लिए कुछ खोना पड़ता है, ऐसे ही रतन टाटा के साथ भी हुआ। टाटा ग्रुप को बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए उन्होंने निजी जिंदगी की कई खुशियों को कुर्बान कर दिया।

अगर आपको लगता है कि रुपया, शोहरत, नाम, प्रतिष्ठा से सब कुछ खरीदा जा सकता है, तो आप गलत हैं। इन सबकी अपनी अहमियत है। मगर, ये आपकी जिंदगी से दुखों, तकलीफों को दूर कर देंगे, ऐसा जरूरी नहीं है। 85 साल के इस बैचलर बिजनेसमैन की जिंदगी में एक सूनापन है, जिसे वो कभी भर न सके।

(फोटो सोर्स: ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे)

जब रतन टाटा ने बयां किया साथी से बिछड़ने का दर्द 

स्टार्टअप Goodfellows की ओपनिंग समारोह में रतन टाटा ने अपनी जिंदगी से जुड़ी एक दर्द बयां किया था, जिसे सुनाकर वहां पर बैठे लोगों के दिल भर आए थे। रतन टाटा ने कहा था, 'आप नहीं जानते कि अकेले रहना कैसा होता है? जब तक आप अकेले समय बिताने के लिए मजबूर नहीं होते तब तक अहसास नहीं होगा। वास्तव में जबतक आप बूढ़े नहीं हो जाते, तब तक किसी को भी बूढ़े होने का मन बिल्कुल भी नहीं करता।'

रतन टाटा की जुबां से यह बात यूं ही नहीं निकली थी। दरअसल, रतन टाटा को जिंदगी में चार बार प्यार हुआ, लेकिन वे कंवारे ही रहे। सबसे ज्यादा संजीदा वह उस वक्त थे, जब वो अमेरिका के लॅास एंजिल्स के एक कंपनी में काम करते थे। उस दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हुआ। तभी अचानक उनकी दादी की तबियत खराब हो गई, जिसकी वजह से उन्हें भारत लौटना पड़ा। रतन टाटा को लगा था कि जिस लड़की से उन्होंने मोहब्बत की है, वो भी उनके साथ भारत आने के लिए तैयार हो जाएगी। लेकिन, ऐसा न हो सका। 1962 की भारत-चीन लड़ाई की वजह से लड़की के माता-पिता ने उसे भारत आने से रोक दिया और इस तरह दोनों की प्रेम कहानी अधूरी रह गई। रतन टाटा ने इंस्टाग्राम हैंडल 'ह्यूमन्स ऑफ बॉम्बे’ पर भी अपने अधूरे प्यार की बात साझा कर चुके हैं।

निदा फाजली की एक शेर है,

कभी किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता

कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता

रतन टाटा के साथ भी मानो कुछ ऐसा ही हुआ, कुदरत ने उन्हें उस मुकाम पर पहुंचाया, जहां शायद ही कोई पहुंच सके। लेकिन, उन्होंने जो कुछ गंवाया ,वो दर्द उनके अलावा शायद ही कोई समझ सके।

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पिता और दादी के साथ खट्टे मीठे यादों को किया साझा 

उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट लिखते हुए कई निजी बातों को भी दुनिया के सामने बयां कर किया है। उन्होंने पोस्ट में अपने बचपन की बातों को याद करते हुए कहा,' मेरा बचपन खुशहाल था, लेकिन जैसे-जैसे मैं और मेरा भाई बड़े होते गए, हमें अपने माता-पिता के तलाक की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लेकिन मेरी दादी ने हम दोनों का अच्छे से ख्याल रखा।

जब मेरी मां ने दोबारा शादी की, उसके तुरंत बाद स्कूल के लड़कों ने हमारे बारे में हर तरह की बातें करनी शुरू कर दीं। लेकिन, हमारी दादी ने हमें हर कीमत पर गरिमा बनाए रखना सिखाया, एक ऐसा मूल्य जो आज भी मेरे साथ हमेशा मौजूद है। मुझे याद है, विश्व युद्ध 2 के बाद मेरी दादी मेरे भाई और मुझे गर्मियों की छुट्टियों के लिए लंदन ले गई। वह हमसे कहती थीं, 'यह मत कहो' या 'उसके बारे में चुप रहो' और यहीं से हमें जीवन के असल मूल्यों की समझ आई।

पोस्ट में उन्होंने अपने पिता और उनके बीच हुए मतभेद का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, 'यह कहना मुश्किल है कि कौन सही है या गलत। मैं वायलिन बजाना सीखना चाहता था, मेरे पिता ने पियानो पर जोर दिया। मैं अमेरिका में कॉलेज जाना चाहता था, मेरे पिता ने यूके पर जोर दिया। मैं आर्किटेक्ट बनना चाहता था, उन्होंने मुझ पर इंजीनियर बनने का जोर डाला।'

रतन टाटा को भारत रत्न देने की उठी मांग

रतन टाटा जैसे बिजनेसमैन ने न सिर्फ संपत्ति अर्जित की, बल्कि अपना पूरा जीवन लोगों के कल्याण के लिए भी लगाया। उन्होंने युवा उद्यमियों को आगे बढ़ाने का काम किया। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने लोगों खूब की मदद की। पिछले कई सालों से रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने को लेकर मांग उठ रही है। रतन टाटा के 85वें जन्मदिन के मौके पर वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसद रघु रामकृष्ण राजू ने उद्योगपति रतन टाटा को भारत रत्न से सम्मानित करने का आग्रह किया।

उन्होंने बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर रतन टाटा को भारत रत्न देने की मांग की। राजू ने मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, 'इस धरती पर कई अरबपति पैदा होंगे लेकिन जो लोग स्थायी प्रभाव छोड़ते हैं, वे हैं रतन टाटा जैसे लोग। गौरतलब है कि रतन टाटा को साल 2000 में पद्म भूषण और 2008 में पद्म विभूषण के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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