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Ratan Tata Death News: रतन टाटा का 86 साल की उम्र में निधन, मुंबई के अस्पताल में भर्ती थे; 2 दिन पहले कहा था- 'ठीक हूं, चिंता की बात नहीं'

Ratan Tata Dies Latest News Update टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा का बुधवार (09 अक्टूबर 2024) देर रात निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। रतन टाटा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे और रूटीन चेकअप के अस्पताल जा रहे थे। बुधवार शाम उनकी अचानक तबीयत खबर हो गई जिसके बाद उन्हें मुंबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 10 Oct 2024 02:13 AM (IST)
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Ratan Tata Death News: रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन

Ratan Tata Death News: पीटीआई, नई दिल्ली। बुधवार को भारत के सबसे बड़े बिजनेस टाइकून और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रतन टाटा मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती कराया गया था। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबीयत खराब थी। बुधवार की शाम को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने की खबर आई थी। रतन टाटा के निधन का समाचार मिलते ही रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ब्रीच कैंडी अस्पताल पहुंच गए हैं।

इससे पहले सोमवार को भी रतन टाटा की तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी, लेकिन रतन टाटा ने कुछ देर बार ही खुद इस खबर का खंडन किया था। उन्होंने जनता और मीडिया से गलत सूचना फैलाने से दूरी बरतने का अनुरोध करते हुए कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। मैं ठीक हूं। मुंबई के अस्पताल में भर्ती होने की खबरों को अफवाह बताते हुए 86 वर्षीय टाटा ने कहा था कि यह दावे निराधार हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत शीर्ष हस्तियों ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

रतन टाटा के निधन पर पीएम ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा कि रतन टाटा जी के साथ अनगिनत बातचीत से मेरा मन भरा हुआ है। जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब मैं उनसे अक्सर मिलता था। हम विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करते थे। मुझे उनके दृष्टिकोण बहुत समृद्ध करने वाले लगे। दिल्ली आने पर भी ये बातचीत जारी रही। उनके निधन से बेहद दुखी हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अपनी एक्स पोस्ट में लिखा, 'रतन टाटा के दुखद निधन से भारत ने एक ऐसे प्रतीक को खो दिया है जिसने राष्ट्र निर्माण के साथ कारपोरेट विकास और नैतिकता के साथ उत्कृष्टता का मिश्रण किया। पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्मानित, रतन टाटा ने महान टाटा विरासत को आगे बढ़ाया और इसे और अधिक प्रभावशाली वैश्विक उपस्थिति प्रदान की। उन्होंने अनुभवी पेशेवरों और युवा छात्रों को समान रूप से प्रेरित किया। मानवता की सेवा और परोपकार में उनका योगदान अमूल्य है। मैं उनके परिवार, टाटा समूह की पूरी टीम और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।'

एन चंद्रशेखरन ने की पुष्टि

रतन टाटा के निधन पर एन चंद्रशेखरन ने बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि हम रतन नवल टाटा को बहुत ही गहरे दुख के साथ विदाई दे रहे हैं। उनके अतुल्य योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को भी आकार दिया है। टाटा समूह के लिए वह एक अध्यक्ष से कहीं बढ़कर थे। मेरे लिए वे एक गुरु, मार्गदर्शक और मित्र थे। उन्होंने हमेशा मुझे प्रेरित किया।

रतन टाटा को पद्म विभूषण से किया गया था सम्मानित

बिजनेस टाइकून रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर हुआ था। साल 2008 में केंद्र सरकार ने टाटा को ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया था। कॉर्नेल विश्वविद्यालय में वास्तुकला में डिग्री के साथ स्नातक होने के बाद, वह भारत लौट आए और 1962 में उस समूह के लिए काम करना शुरू कर दिया, जिसे उनके परदादा ने लगभग एक सदी पहले स्थापित किया था।

विदेशी फर्म का सबसे बड़ा अधिग्रहण

उन्होंने 1996 में दूरसंचार फर्म टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में आईटी फर्म टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की शुरुआत की थी। टाटा समूह ने 2000 में ब्रिटिश चाय फर्म टेटली को 432 मिलियन डॉलर में और 2007 में एंग्लो-डच स्टीलमेकर कोरस को 13 बिलियन डॉलर में खरीदा, जो उस समय किसी भारतीय कंपनी द्वारा किसी विदेशी फर्म का सबसे बड़ा अधिग्रहण था। इसके बाद टाटा मोटर्स ने 2008 में फोर्ड मोटर कंपनी से ब्रिटिश लग्जरी ऑटो ब्रांड जगुआर और लैंड रोवर को 2.3 बिलियन डॉलर में खरीदा।

रतन टाटा का सबसे पसंदीदा प्रोजेक्ट

टाटा मोटर्स में उनकी पसंदीदा परियोजनाओं में इंडिका और नैनो शंमिल थी। यह भारत में डिजाइन और निर्मित पहला कार मॉडल था, जिसे दुनिया की सबसे सस्ती कार बताया गया था। उन्होंने दोनों मॉडलों के लिए शुरुआती स्केच तैयार किए थे।

टाटा में उनका नेतृत्व विवादों से अछूता नहीं रहा

वर्ष 2016 में कंपनी द्वारा अरबपति शापूरजी पल्लोनजी परिवार के वंशज साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सार्वजनिक दोनों में विवाद हुआ। टाटा समूह ने कहा कि मिस्त्री व्यवसायों को सुधारने में विफल रहे हैं। जबकि मिस्त्री ने रतन टाटा पर समूह में एक वैकल्पिक शक्ति केंद्र बनाने का आरोप लगाया।

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