रतन टाटा, गोदरेज से लेकर फिरोज गांधी तक; ये हैं पारसी समुदाय के सबसे चर्चित चेहरे, जिन्होंने दुनिया में बनाई पहचान
Famous Parsis in India देश ने हाल ही में रतन टाटा के रूप में अपने एक बहुमूल्य रत्न को खो दिया। रतन टाटा पारसी समुदाय से आते थे। इस समुदाय ने सैकड़ों सालों से भारत के निर्माण में उल्लेखनीय योगदान दिया है। आज हम बताने जा रहे हैं पारसी समुदाय से आने वाली भारत की कुछ प्रमुख हस्तियों के बारे में जिन्होंने देश ही नहीं दुनिया में नाम कमाया।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर पूरे देश ने शोक मनाया। उनके देहांत पर देश की तरक्की के लिए दिए गए उनके योगदान को फिर से याद किया गया। रतन टाटा पारसी समुदाय से आते थे। इस समुदाय ने रतन टाटा ही नहीं, बल्कि कई ऐसी शख्सियत देश को दीं, जिन्होंने देश ही नहीं दुनियाभर में नाम कमाया और भारत का भी मान बढ़ाया। पारसी समुदाय से आने वाले ऐसे ही कुछ चर्चित चेहरों के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।
पारसी समुदाय का इतिहास
पारसी धर्म को विश्व के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक बताया जाता है। इसकी स्थापना पैगंबर जरथुस्त्र ने ईरान में करीब 3500 साल पहले की थी। इस धर्म का प्रचलन इस्लाम से पहले ही ईरान में मिलता है। इस धर्म के लोग एक ही ईश्वर को मानते हैं और अहुरमज्दा भगवान के प्रति आस्था रखते हैं।सातवीं शताब्दी में इस्लाम के उत्थान के बाद पारसी समुदाय के लोग ईरान से दुनिया के अलग अलग स्थानों पर चले गए। इन्हीं में से कुछ लोग एक नाव पर सवार होकर भारत आये और यहां गुजरात के नवसारी में बस गए। वर्तमान में भारत में इनकी संख्या लगभग एक लाख के करीब है। इनमें से अधिकतर आबादी, लगभग 70% मुम्बई में रहती है।
भारत के सबसे चर्चित पारसी
रतन टाटा
रतन टाटा भारत के अब तक के सबसे बड़े और मशहूर उद्योगपतियों में से एक रहे हैं। टाटा ग्रुप का प्रतिष्ठित चेहरा रहे रतन टाटा ने कंपनी की 150 साल से भी ज्यादा पुरानी विरासत को बढ़ाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई। अपने कार्यकाल में उन्होंने टाटा ग्रुप को वैश्विक प्रसिद्धि दिलाई। उनके नेतृत्व में ग्रुप का कारोबार तेजी से आगे बढ़ा और देश ही नहीं दुनियाभर में इसका डंका बजा।
अर्देशिर गोदरेज
(अर्देशिर गोदरेज (Photo- Internet Media))गोदरेज एक बहुराष्ट्रीय भारतीय कंपनी है और आज जाना-माना नाम है। इस समूह की स्थापना अर्देशिर गोदरेज ने की थी, दो कि पारसी समुदाय से आते थे। वह पेशे से वकील थे। उन्होंने वर्ष 1897 में वकालत छोड़कर ताला बनाने का कारोबार शुरू किया था। धीरे-धीरे यह इसका साम्राज्य फैलता गया। वर्तमान में गोदरेज ग्रुप दुनिया के 50 देशों में बिजनेस कर रहा है और 20 से ज्यादा क्षेत्रों में कंपनी के कारोबार हैं।