'राज्य सरकार नहीं दे सकती किसी पड़ोसी मुल्क के लोगों को शरण,' ममता के बयान पर बरसे बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद
पड़ोसी देश बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर हिंसा जारी है। रविवार को एक रैली में सीएम ममता बनर्जी ने एक ऐसा बयान दे दिया जिसके बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि पड़ोसी देश में जारी हिंसा के पीड़ितों के लिए उनके दरवाजे खुले हैं। अब इसके बाद रविशंकर प्रसाद ने उन पर कटाक्ष किया है।
एएनआई, नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश बांग्लादेश के लोगों को शरण देने की बात कही थी। उनके इस बयान के बाद अब भारतीय जनता पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने तृणमूल कांग्रेस प्रमुख पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, यह अधिकार भारत सरकार का है, राज्य सरकार का नहीं।
रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आगे कहा, 'ममता बनर्जी ने कल कहा था कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हो रहा है, वह अपने दरवाजे खुले रखेंगी और किसी को भी पश्चिम बंगाल में प्रवेश नहीं करने देंगी। ममता जी, आप वही व्यक्ति हैं जिन्होंने सीएए के बारे में कहा था कि हम हिंसा से पीड़ित किसी भी हिंदू, सिख, पारसी या ईसाई शरणार्थी को बंगाल में प्रवेश नहीं करने देंगे।
क्या संविधान में आपका अधिकार है?
ममता जी ने हमेशा सीएए का विरोध किया है, जबकि सीएए का भारत के नागरिकों से कोई संबंध नहीं है, चाहे वे हिंदू हों या मुस्लिम। उन्होंने ये भी कहा, 'ममता जी, अखिलेश यादव और राहुल गांधी संविधान की बात करते रहते हैं। क्या संविधान में आपका अधिकार है? यह अधिकार भारत सरकार का है। यह अधिकार राज्य सरकार का नहीं है।'
बीजेपी नेता ने ये भी कहा कि यह बांग्लादेश का आंतरिक मामला है और हम अनुरोध करते हैं कि इस मामले को सुलझाया जाए। हमें इसमें नहीं पढ़ना है। अगर एक मुख्यमंत्री घोषणा करता है तो इसका क्या मतलब है? क्या आप भारत की एकता को तोड़ना चाहते हैं? ममता जी मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आपका इससे क्या मतलब है। बंगाल रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, रवीन्द्रनाथ टैगोर और सुभाष चन्द्र बोस जैसे लोगों की जननी है।
'आपके रिश्तेदार की मदद करने के लिए हम हैं तैयार'
दरअसल पड़ोसी देश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा था कि उनकी सरकार बांग्लादेश से शरण चाहने वाले लोगों को आश्रय देगी। सीएम बनर्जी ने कहा था, 'अगर आपके परिवार का कोई सदस्य या रिश्तेदार काम या पढ़ाई के लिए बांग्लादेश में है तो चिंता न करें। हम बदले में उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं।'