कर्ज सस्ता होगा या नहीं, एमपीसी आज करेगा फैसला; 2023 के बाद रेपो रेट में नहीं हुआ बदलाव
देश में कर्ज सस्ता होगा या नहीं इसका फैसला आज मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) सुनाएगी। पिछले ढाई वर्षों से आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि इस बार भी बदलाव की उम्मीद कम दिख रही है। समिति ने पिछली नौ बैठकों में ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया था। अभी घरेलू अर्थव्यवस्था को लेकर भी कुछ उल्टे संकेत मिल रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दिसंबर, 2018 में आरबीआई गवर्नर का पद संभालने के बाद शुरुआत के चार वर्षों तक डॉ. शक्तिकांत दास की छवि ब्याज दरों को लेकर बाजार व जनता को आश्चर्यचकित करने वाली थी। यानी कई बार उन्होंने तब ब्याज दरें घटाई जब उम्मीद कम थी और तब बढ़ाईं जब इसकी उम्मीद नहीं थी, लेकिन पिछले ढाई वर्षों से इस बारे में वह कोई भी चकित करने वाला काम नहीं कर रहे।
अपना फैसला सुनाएगी एमपीसी
आरबीआई गवर्नर डॉ. दास की अगुवाई में हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की पिछली नौ बैठकों में ब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला किया गया है। बुधवार (09 अक्टूबर, 2024) को भी एमपीसी तीन दिनों के विमर्श के बाद अपना फैसला सुनाएगी और किसी भी विशेषज्ञ को यह भरोसा नहीं है कि भारत में ब्याज दरों को लेकर डॉ. दास कोई बदलाव करेंगे।
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2023 में रेपो रेट में हुआ था बदलाव
आम जनता के होम लोन, ऑटो लोन व दूसरे कर्ज की दरों को प्रभावित करने वाले रेपो रेट में अंतिम बार बदलाव फरवरी, 2023 में की गई थी। अभी यह 6.50 फीसद है। एचडीएफसी सिक्यूरिटीज के एमडी व सीईओ धीरज रेली का कहना है कि, “रेपो रेट में किसी तरह की कटौती की उम्मीद तो बहुत कम है लेकिन यह हो सकता है कि भविष्य में ब्याज दरों के रुख को लेकर आरबीआई गवर्नर का रवैया बदला हुआ हो। यानी अभी तक वह ब्याज दरों को स्थिर रखने की बात करते रहे हैं लेकिन यह संकेत कि भविष्य में ब्याज दरों में कमी संभव है।''मंदी के शुरुआती संकेत
धीरज रेली का कहना है कि वैश्विक व घरेलू स्तर पर ही मिले-जुले संकेत मिल रहे हैं। मंदी के भी कुछ शुरुआती संकेत मिल रहे हैं। हालांकि पिछले चार तिमाहियों से महंगाई की दर बहुत ज्यादा अस्थिर नहीं रही है और यह केंद्रीय बैंक की तरफ से निर्धारित लक्ष्य के करीब ही है। इससे उम्मीद है कि महंगाई की दर को लेकर आरबीआई अपने अनुमान में भी कुछ कटौती करेगा।