Loan की किस्त चुकाने वालों को रिजर्व बैंक का तोहफा, अब EMI का बोझ होगा कम
कोरोना संकट के बीच दो माह में तीसरी प्रेस कांफ्रेंस कर आरबीआई गवर्नर ने ईएमआई चुकाने वालों को नया तोहफा दिया है।
By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 22 May 2020 01:43 PM (IST)
नई दिल्ली। कोरोना संकट के बीच रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कुछ ऐसी चीजों का खुलासा किया है जिनका ताल्लुक देश की अर्थव्यवस्था से है। लगभग सभी देशवासियों से किसी न किसी तरह से है। आपको बता दें कि कोरोना संकट के बीच पिछले दो माह में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की ये तीसरी प्रेस कॉफ्रेंस थी। इससे पहले 27 मार्च और 17 अप्रैल को भी वो प्रेस कॉफ्रेंस कर चुके हैं। की थी। उनकी इस प्रेस कांफ्रेंस की कुछ अहम बातों पर डालते हैं एक नजर:-
- आरबीआई गवर्नर ने आशंका जताई है कि चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव हो सकती है।आरबीआई के मुताबिक कोरोना संकट के बावजूद महंगाई दर 4 फीसद के नीचे रहने की संभावना जताई गई है। हालांकि यदि अधिक समय तक देश में लॉकडाउन रहा तो इसमें इजाफा भी हो सकता है।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती का एलान करते हुए बैंकों को बड़ी राहत दी है। इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा। ब्याज दर घटने के फैसले से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर ईएमआई सस्ती होगी।इसके अलावा आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट भी घटाकर 3.35 फीसद कर दिया है।
- आम लोगों को राहत देते हुए RBI ने टर्म लोन मोरटोरियम को पहले यह 31 मई से बढ़ाकर 31 अगस्त तक के लिए कर दिया है। अब ये सुविधा 6 महीने के लिए हो गई है। यदि इस दौरान कोई EMI नहीं चुका पाता है तो उसको लोन डिफॉल्ट या NPA कैटेगरी में नहीं माना जाएगा।
- RBI गवर्नर ने उम्मीद जताई है कि देश कोरोना संकट से जल्द उबर जाएगा। उन्होंने ये भी माना है कि कोरोना की वजह से देश को आर्थिक नुकसान हुआ है। वहीं भारत में बिजली व पेट्रोलियम उत्पाद की खपत और सीमेंट उत्पादन में गिरावट आई है। इसके अलावा छह बड़े प्रदेशों में औद्योगिक उत्पादन गिरा है।
- दास के मुताबिक देश में रबी की फसल अच्छी हुई है और इस बार भी बेहतर मॉनसून और बेहतर फसल होने की उम्मीद है। से काफी उम्मीदे है। उनके मुताबिक सरकार और आरबीआई के उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा।
- एक्सपोर्ट क्रेडिट समय 12 महीने से बढाकर 15 माह किया गया है। वहीं सिडबी को 15000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया है।