Freebie Culture: 'रेवड़ियों पर श्वेत पत्र लाने की जरूरत', RBI के पूर्व गवर्नर ने सरकार को दी यह राय
भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि रेवड़ियों के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने के लिए मोदी सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए। सुब्बाराव ने कहा इस बात पर गहन बहस होनी चाहिए कि इस संबंध में राजनीतिक दलों पर अंकुश कैसे लगाया जाए। जनता को इन रेवड़ियों की लागत एवं लाभों के बारे में अधिक जागरूक किया जाना चाहिए।
पीटीआई, हैदराबाद। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी. सुब्बाराव ने कहा है कि रेवड़ियों (फ्रीबीज) के मुद्दे पर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति बनाने के लिए मोदी सरकार को श्वेत पत्र लाना चाहिए। सुब्बाराव ने कहा, इस बात पर गहन बहस होनी चाहिए कि इस संबंध में राजनीतिक दलों पर अंकुश कैसे लगाया जाए। जनता को इन रेवड़ियों की लागत एवं लाभों के बारे में अधिक जागरूक किया जाना चाहिए और इस बारे में लोगों को शिक्षित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि आखिरकार यह राजनीतिक मुद्दा है और इस पर राजनीतिक आम सहमति होनी चाहिए। इसका नेतृत्व केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री को करना होगा। मेरा मानना है कि उन्हें एक श्वेत पत्र लाना चाहिए और इस पर आम सहमति बनाने का प्रयास करना चाहिए।'
रेवड़ियों की लाभ-हानियों पर लोगों को शिक्षित कीजिए
समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ हालिया बातचीत में सुब्बाराव ने कहा, 'इन रेवड़ियों की लाभ-हानियों पर लोगों को शिक्षित कीजिए और सुनिश्चित कीजिए कि हम इस पर कैसे अंकुश लगा सकते हैं और कैसे लागू कर सकते हैं।'आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने कहा कि भारत जैसे गरीब देश में यह सरकार का कर्तव्य है कि वह सबसे कमजोर वर्गों को कुछ सुरक्षा प्रदान करे और आत्मनिरीक्षण करे कि राजकोषीय सीमाओं के मद्देनजर उनका दायरा कितना हो सकता है।रेवड़ियों पर अधिक जोरदार बहस करनी चाहिए- सुब्बाराव
उन्होंने कहा, 'आपको सवाल करना चाहिए कि क्या यह इस पैसे का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल है या हम कुछ बेहतर कर सकते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि हमें रेवड़ियों पर अधिक जानकारीपूर्ण व जोरदार बहस करनी चाहिए और यह भी जानना चाहिए कि हम राजनीतिक दलों पर कैसे कुछ अंकुश लगा सकते हैं।'
राज्यों-केंद्र को राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना चाहिए
कुछ राज्यों द्वारा राजकोषीय दायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) की सीमा पार करने पर उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र सरकार को राजकोषीय अनुशासन बनाए रखना चाहिए और एफआरबीएम लक्ष्यों का पालन करना चाहिए। एक सवाल के जवाब में सुब्बाराव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक अध्ययन किया था जिसके मुताबिक भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर लगातार बनाए रखनी होगी।विकसित राष्ट्र के चार स्तंभ
उन्होंने कहा कि कुछ ही देश ऐसा कर पाए हैं, चीन ने ऐसा किया है। लेकिन सबसे कठिन बिंदु यह है कि क्या हम जलवायु परिवर्तन, भू-राजनीति, वैश्वीकरण की कठिनाई जैसी सभी चुनौतियों के साथ यह कर सकते हैं, यह कहना कठिन है। सुब्बाराव ने कहा कि विकसित राष्ट्र के चार स्तंभ होते हैं- कानून का शासन, मजबूत देश, लोकतांत्रिक जवाबदेही और संस्थाएं।