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Red Sea Issue: भारतीय कंटेनरों को सुरक्षा दे रहा रक्षा मंत्रालय, नौसेना ने फ्रिगेट और विध्वंसक जहाजों को तैनात किया

लाल सागर में हूती विद्रोहियों के आक्रमक रवैये के कारण वैश्विक कारोबार प्रभावित हो रहा है। इसको देखते हुए भारत का रक्षा मंत्रालय लाल सागर के आसपास के समुद्र में भारतीय कंटेनर जहाजों को सुरक्षात्मक एस्कॉर्ट मुहैया कर रहा है। दरअसल इस पूरे क्षेत्र में कंटेनर जहाजों की सुरक्षा को लगातार खतरा बना हुआ है। यह जानकारी एक सरकारी सूत्र ने दी है।

By Jagran News Edited By: Abhinav AtreyUpdated: Fri, 05 Jan 2024 07:20 PM (IST)
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भारतीय कंटेनरों को सुरक्षा दे रहा है रक्षा मंत्रालय- सूत्र (फाइल फोटो)
रॉयटर्स, नई दिल्ली। लाल सागर में हूती विद्रोहियों के आक्रमक रवैये के कारण वैश्विक कारोबार प्रभावित हो रहा है। इसको देखते हुए भारत का रक्षा मंत्रालय लाल सागर के आसपास के समुद्र में भारतीय कंटेनर जहाजों को सुरक्षात्मक एस्कॉर्ट मुहैया कर रहा है। दरअसल, इस पूरे क्षेत्र में कंटेनर जहाजों की सुरक्षा को लगातार खतरा बना हुआ है। यह जानकारी एक सरकारी सूत्र ने दी है।

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सरकारी सूत्र ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि अफ्रीका के चारों ओर लंबा समुद्री मार्ग अपनाने की वजह से कंटेनरों को अपने टर्नअराउंड समय में 14 दिनों की देरी का सामना करना पड़ सकता है। इससे परिवहन और बीमा लागत बढ़ रही है।

माल ढुलाई और बीमा की लागत बढ़ गई है

सूत्र ने आगे कहा कि जहाजों को इस क्षेत्र से बचने और लंबा रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होने की वजह से माल ढुलाई और बीमा की लागत बढ़ गई है। सूत्र ने कहा, "कंटेनरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन हमें बदले रास्ते को अपनाने से लंबा समय लगता है।"

लाल सागर में जाने से बच रहे हैं जहाज

बता दें कि हूती विद्रोहियों द्वारा वाणिज्यिक जहाजों के खिलाफ समुद्री हमले तेज करने के बाद से जहाज लाल सागर में जाने से बच रहे हैं। हूती विद्रोहियों का कहना है कि यह गाजा पट्टी में इजरायल के हमले को लेकर हमरी प्रतिक्रिया है।

भारतीय कंटेनर जहाजों को समुद्र में सुरक्षा घेरे में भेजा जा रहा

सरकारी सूत्र ने आगे बताया कि रक्षा मंत्रालय की मदद से कई भारतीय कंटेनर जहाजों को समुद्र में सुरक्षा घेरे के साथ में भेजा जा रहा है। भारतीय नौसेना ने इस हफ्ते की शुरुआत में कहा था कि क्षेत्र से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों की मदद के लिए मध्य और उत्तरी अरब सागर में फ्रिगेट और विध्वंसक जहाजों को तैनात किया गया है।

नौसेना ने रविवार को कहा था कि लंबी दूरी के समुद्री गश्ती विमानों और रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट को हवाई निगरानी के लिए समुद्र में तैनात किया गया है। बता दें कि अमेरिका और ग्यारह अन्य देशों ने संयुक्त बयान जारी करके लाल सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों को खत्म करने का आह्वान किया है।

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