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अदाणी जैसे मामले से निपटने में नियामक एजेंसियां सक्षम, SC में सोमवार को होने वाली सुनवाई से पहले बोलीं सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में सरकार की तरफ से क्या जवाब दिया जाएगा इस पर उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट में क्या कहेगी यह तो मैं नहीं बता सकती हूं। (फोटो एपी)

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Sat, 11 Feb 2023 06:46 PM (IST)
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अदाणी जैसे मामले से निपटने में नियामक एजेंसियां सक्षम: सीतारमण (फोटो: एपी)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। अदाणी समूह के वित्तीय कामकाज पर एक अमेरिकी एजेंसी की रिपोर्ट के उपजे विवाद को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत की नियामक एजेंसियां पूरी तरह से परिपक्व हैं और इस तरह के विवाद पर उनकी नजर है।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को होगी सुनवाई

वित्त मंत्री की यह टिप्पणी तब आई है जब इस पूरे विवाद को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होनी है और बाजार की नियामक एजेंसी सेबी की तरफ से अदाणी समूह के दूसरे पब्लिक ऑफर (FPO) के कुछ निवेशकों के अदाणी समूह के साथ रिश्तों की जांच की शुरुआत की गई है। सीतारमण शनिवार को आरबीआई के निदेशक बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पूछे गए एक सवाल के जवाब में अदाणी विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

हमेशा की तरह सतर्क हैं नियामक एजेंसियां

सीतारमण से पूछा गया था कि सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में सरकार की तरफ से क्या जवाब दिया जाएगा, इस पर उन्होंने कहा कि सरकार कोर्ट में क्या कहेगी यह तो मैं नहीं बता सकती, लेकिन भारतीय नियामक एजेंसियां बहुत ही परिपक्व हैं। वो अपने क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं। उन्हें इस मामले के बारे में पता है और वो हमेशा की तरह सतर्क हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने अदाणी समूह के शेयरों में आई भारी गिरावट के संदर्भ में केंद्र सरकार और सेबी से पूछा है कि अभी निवेशकों को अप्रत्याशित हानि से बचाव के लिए क्या व्यवस्था है और इसे और किस तरह से बेहतर बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने वित्त मंत्रालय से जानना चाहा है कि मौजूदा व्यवस्था को और ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए क्या कदम उठाया जा सकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि उसकी मंशा किसी नियामक एजेंसी के काम-काज में हस्तक्षेप करने की नहीं है।

वित्त मंत्री से क्रिप्टो करेंसी को लेकर सरकार के मत के बारे में भी पूछा गया तो उनका जवाब था कि क्रिप्टो के नियमन को लेकर कोई भी एक देश अपने आप में कानून नहीं बना सकता। इसको समझते हुए भारत जी-20 की बैठक में इस विषय पर सभी देशों के साथ विमर्श कर रहा है ताकि एक स्टैंडर्ड नियम बनाया जा सके।

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क्रिप्टो पर RBI का नहीं बदला कोई विचार

सनद रहे कि वित्त मंत्रालय की तरफ से पिछले वर्ष क्रिप्टो करेंसी को लेकर एक कानून बनाने की तैयारी थी। इस विधेयक को संसद में पेश करने की भी तैयारी पूरी हो गई थी, लेकिन आरबीआई के बेहद सख्त विरोध की वजह से सरकार ने इस पर व्यापक विमर्श करने का फैसला किया है। यह भी उल्लेखनीय है कि क्रिप्टो को लेकर आरबीआई के विचार में कोई बदलाव नहीं आया है।

आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि क्रिप्टो करेंसी एक पोंजी स्कीम से ज्यादा कुछ नहीं है। शनिवार को वित्त मंत्री की आरबीआई निदेशक बोर्ड के साथ हुई बैठक में मुख्य तौर पर आम बजट 2023-24 के प्रावधानों के संदर्भ में ही बात हुई है। यह बैठक हर वर्ष बजट के बाद होती है।

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आरबीआई गवर्नर डॉ. दास ने संवाददाताओं को बताया कि महंगाई की स्थिति पहले से सुधरी है, लेकिन इसको लेकर केंद्रीय बैंक हमेशा सतर्क रहेगा और नजर बना कर रखेगा। अगले वित्त वर्ष महंगाई की दर 5.3 फीसद बने रहने का अनुमान लगाया गया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत को 95 डॉलर प्रति बैरल आधार बनाया गया है। अगर क्रूड इससे नीचे रहता है तो महंगाई की दर और नीचे आ सकती है।

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