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Relief Fund Case: सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार की याचिका पर की सुनवाई, कहा- केंद्र और राज्य सरकार के बीच न हो कोई मुकाबला

Relief Fund Case कर्नाटक सरकार ने केंद्र सरकार के खिलाफ SC में एक याचिका दायर की है जिसमें कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य को वित्तीय सहायता नहीं मिल रही थी। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कर्नाटक की याचिका पर केंद्र सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Mon, 08 Apr 2024 03:31 PM (IST)
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सूखा राहत फंड जारी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)
पीटीआई, नई दिल्ली। सूखा राहत फंड जारी ना करने को लेकर केंद्र और कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के बीच कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। इस मामले में कर्नाटक सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से दो हफ्ते में जवाब मांगा है।

पीठ कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें राज्य सरकार ने आरोप लगाया गया था कि केंद्र सरकार कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य को वित्तीय सहायता नहीं दे रही है। कोर्ट ने मामले को दो सप्ताह के बाद सुनवाई के लिए पोस्ट किया गया है।

पीठ ने कही ये बात...

केंद्र की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरामनी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ को बताया कि वे इस मामले में निर्देश मांगेंगे। पीठ ने कहा, "हमने देखा है कि विभिन्न राज्य सरकारों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है।"

इतने रुपये की मांगी गई सहायता

वकील डीएल चिदानंद के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि खरीफ 2023 सीज़न के लिए संचयी रूप से, 48 लाख हेक्टेयर से अधिक में कृषि और बागवानी फसल के नुकसान की सूचना मिली है, जिसमें 35,162 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान (खेती की लागत) है। वहीं, इसमें कहा गया है कि एनडीआरएफ के तहत भारत सरकार से मांगी गई सहायता 18,171.44 करोड़ रुपये है।

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