लखीमपुर खीरी मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने इस शर्त पर दी बेल
Lakhimpur Kheri case सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दी गई अंतरिम जमानत की पुष्टि की है। मामले में न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने ट्रायल कोर्ट से लंबित कार्यवाही में तेजी लाने को कहा है।
एजेंसी, नई दिल्ली। Lakhimpur Kheri case लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने 2021 के लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दी गई अंतरिम जमानत की पुष्टि की है।
लखनऊ या दिल्ली में ही रहना होगा
इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि अब तक 117 गवाहों में से केवल सात की ही जांच की गई है, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने ट्रायल कोर्ट से लंबित कार्यवाही में तेजी लाने को कहा। पहले दी गई अंतरिम जमानत को पूर्ण करने का आदेश देते हुए, पीठ ने आशीष मिश्रा को लखनऊ या दिल्ली में ही रहने का निर्देश दिया।
पिछले साल सितंबर में शीर्ष अदालत ने आशीष मिश्रा की राष्ट्रीय राजधानी में रहने की जमानत की शर्त में ढील दी थी, इस तथ्य पर विचार करते हुए कि उनकी मां दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी बेटी को भी चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है।
मिश्रा को अंतरिम जमानत देते समय कई शर्तें लगाई थीं। कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि आशीष मिश्रा को रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश (यूपी) छोड़ना होगा।
कोर्ट ने पहले रखी थी ये शर्तें
- कोर्ट ने कहा था कि आशीष मिश्रा यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकता है; उसे अपने स्थान के बारे में अदालत को सूचित करना होगा।
- उसके परिवार के सदस्यों या मिश्रा द्वारा स्वयं गवाहों को प्रभावित करने का कोई भी प्रयास उसकी जमानत रद्द कर देगा।
- अदालत ने कहा था कि मिश्रा को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा। वह मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने के अलावा यूपी में प्रवेश नहीं करेंगे।
- अभियोजन पक्ष, एसआईटी, मुखबिर या अपराध के पीड़ितों के परिवार के किसी भी सदस्य को अंतरिम जमानत की रियायत के दुरुपयोग की किसी भी घटना के बारे में तुरंत शीर्ष अदालत को सूचित करने की स्वतंत्रता होगी।