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Lok Sabha: प्रापर्टी की बिक्री पर नई-पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था का विकल्प, वित्त मंत्री आज संसद में पेश करेंगी विधेयक

बजट 2024 में रियल एस्टेट से इंडेक्सेशन लाभ हटाए जाने के बाद से निराश प्रापर्टी मालिकों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति को अगर प्रापर्टी मालिक बेचता है तो वह इस बजट में लागू की गई नई टैक्स व्यवस्था या इंडेक्शन वाली पुरानी व्यवस्था में किसी एक लाभदायक व्यवस्था को चुन सकता है।

By Agency Edited By: Jeet Kumar Updated: Wed, 07 Aug 2024 05:30 AM (IST)
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प्रापर्टी की बिक्री पर नई-पुरानी दोनों टैक्स व्यवस्था का विकल्प
पीटीआई, नई दिल्ली। बजट, 2024 में रियल एस्टेट से इंडेक्सेशन लाभ हटाए जाने के बाद से निराश प्रापर्टी मालिकों को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार ने वित्त विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव किया है। अगर इस संशोधन पर संसद में मुहर लग जाती है तो करदाताओं को अब रियल एस्टेट संपत्ति पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) के आकलन का विकल्प मिलेगा।

प्रस्तावित संशोधन के मुताबिक, 23 जुलाई, 2024 से पहले खरीदी गई संपत्ति को अगर प्रापर्टी मालिक बेचता है तो वह इस बजट में लागू की गई नई टैक्स व्यवस्था या इंडेक्शन वाली पुरानी व्यवस्था में किसी एक लाभदायक व्यवस्था को चुन सकता है।

वित्त मंत्री लोकसभा में पेश करेंगी वित्त विधेयक

इस बार बजट में प्रापर्टी की बिक्री पर लांग टर्म कैपिटल गेन के तहत टैक्स की पुरानी इंडेक्सेशन वाली व्यवस्था को खत्म करके एलटीसीजी पर 12.5 प्रतिशत टैक्स लागू करने का एलान किया गया था। पुरानी व्यवस्था में इंडेक्सेशन के साथ 20 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संशोधन के साथ वित्त विधेयक को लोकसभा में पारित करने के लिए पेश करेंगी। बजट में वित्त मंत्री के एलान के बाद प्रापर्टी बेचने से लाभ कमाने वाले घर मालिकों को पूरी लाभ पर 12.5 प्रतिशत की दर से टैक्स देना पड़ता है न कि मुद्रास्फीति समायोजित लाभ पर।

इंडेक्सेशन को लेकर ये थी समस्या

इंडेक्सेशन का उपयोग किसी निवेश के खरीद मूल्य को उस पर मुद्रास्फीति के प्रभाव को समायोजित करने के लिए किया जाता है। पहले, इंडेक्सेशन लाभ से घर मालिकों को प्रापर्टी का लागत आधार बढ़ाने की अनुमति मिलती थी, ताकि मुद्रास्फीति के प्रभाव को ध्यान में रखा जा सके, जिससे शुद्ध लाभ और संबंधित कर देनदारी कम हो जाती थी। इंडेक्सेशन को खत्म करने के एलान से करदाताओं पर भारी कर बोझ पड़ने और प्रापर्टी सौदों में अवैध वित्तीय गतिविधियों में वृद्धि की आशंका बढ़ गई थी।

इंडेक्सेशन को खत्म करने का मु्द्दा काले धन से जुड़ा नहीं

हालांकि पूर्व राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा कह चुके हैं कि रियल एस्टेट में इंडेक्सेशन प्रणाली को समाप्त करने से प्रापर्टी मालिकों को कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि इस प्रणाली के तहत 20 प्रतिशत का टैक्स था जो अब 12.5 प्रतिशत हो गया। रियल एस्टेट अमूमन 10-11 प्रतिशत की दर से रिटर्न देता है। कोई पुरानी जगह हो, जहां रिटर्न नहीं आ रहा हो तो अलग बात है। उन्होंने यह भी कहा कि इंडेक्सेशन को खत्म करने का मु्द्दा काले धन से जुड़ा नहीं है।