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मुख्तार अंसारी के बेटे को 'सुप्रीम' राहत, इस मामले में SC ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

4 मार्च 2022 को मऊ जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार) उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 3 मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान में अब्बास अंसारी उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी ने एक सार्वजनिक बैठक में मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब करने का आह्वान किया।

By Jagran News Edited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Thu, 25 Jan 2024 01:30 PM (IST)
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पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी को 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के लिए दर्ज एक आपराधिक मामले में गिरफ्तारी से राहत दे दी। जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस पीके मिश्रा की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया।

अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि मुख्य आरोपी को मामले में नियमित जमानत दी गई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी और कहा था कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए अपराध बनता है।

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4 मार्च, 2022 को मऊ जिले के कोतवाली पुलिस स्टेशन में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी उम्मीदवार), उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि 3 मार्च 2022 को पहाड़पुरा मैदान में अब्बास अंसारी, उमर अंसारी और आयोजक मंसूर अहमद अंसारी ने एक सार्वजनिक बैठक में मऊ प्रशासन के साथ हिसाब-किताब करने का आह्वान किया। यह चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला है।

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