दुनिया के 73 करोड़ लोगों को बिजली देने की तैयारी, रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से मिलेगी यह सुविधा
दुनिया के 73 करोड़ लोगों को रिन्यूएबल माध्यम से बिजली देने की तैयारी हो रही है। इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) एसेंबली के अध्यक्ष व बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि रिन्यूएबल बिजली में वर्ष 2030 तक दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी को 65 प्रतिशत तक ले जाने की क्षमता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) एसेंबली के अध्यक्ष व बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा कि दुनिया में 73.3 करोड़ लोग बिजली की सुविधा से वंचित है और इन लोगों को रिन्यूएबल एनर्जी के माध्यम से बिजली मुहैया कराना आईएसए अपना ध्येय मानता है। उन्होंने कहा कि रिन्यूएबल एनर्जी में सोलर सबसे बेहतर माध्यम है क्योंकि यह मौसम व दैनिक घंटे दोनों ही लिहाज से लंबे समय के लिए उपलब्ध होता है।
नई दिल्ली में आयोजित आईएसए के छठे सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि रिन्यूएबल बिजली में वर्ष 2030 तक दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी को 65 प्रतिशत तक ले जाने की क्षमता है और वर्ष 2050 तक इस हिस्सेदारी को 90 प्रतिशत तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अभी दुनिया की 80 प्रतिशत आबादी उन देशों में रहती है जो बिजली के लिए जीवाश्म ईंधन के आयात पर निर्भर है।
2030 तक दुनिया के कुल बिजली उत्पादन में होगी बढ़ोतरी
सिंह ने बताया कि आईएसए ने दुनिया भर में सोलर परियोजनाओं की स्थापना के लिए व्याब्लिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) को परियोजना राशि के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का फैसला किया है। वीजीएफ के तहत सोलर परियोजना की स्थापना के लिए अधिकतम 1.5 लाख डालर तक का अनुदान आईएसए देता है।
अनुदान राशि को बढ़ाने के फैसले से अफ्रीकी देशों में सोलर को लेकर होने वाले निवेश में बढ़ोतरी होगी। अफ्रीका के कई देशों में आईएसए के फंड से कई सोलर परियोजनाओं की स्थापना हो रही है। सिंह ने कहा कि आईएसए दुनिया को जीवाश्म ईंधन से स्वच्छ ईंधन पर शिफ्ट करने में मदद के साथ बिजली से वंचित लोगों को बिजली भी मुहैया करा रहा है। दुनिया के 55 विकासशील देशों में 95,000 मेगावाट क्षमता की सोलर परियोजना की स्थापना में आईएसए मदद कर रहा है।
भारत कर सकता है 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश
सोलर परियोजनाओं को सफल बनाने के लिए आईएसए अब तक 4000 से अधिक लोगों को प्रशिक्षण भी दे चुका है। आईएसए के मुताबिक अफ्रीका के देशों में सोलर से जुड़ी मिनी ग्रिड और रूफटाप परियोजनाओं के लिए 3.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया जा सकता है। इनमें से 2.5 करोड़ डॉलर का निवेश भारत कर सकता है। सोलर एलायंस के सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
यह भी पढ़े: Air Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण रोकने के उपायों पर दिल्ली सहित पांच राज्यों से मांगा हलफनामा