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भारत में नौकरी से क्यों खुश नहीं हैं कर्मचारी? आधे से अधिक लोग छोड़ना चाहते हैं जॉब; रिपोर्ट में बताई गई वजह

भारत में वर्क प्लेस में बढ़ते तनाव की खबरों के बीच एक रिपोर्ट ने इसे लेकर चिंता और बढ़ा दी है। गौरतलब है कि एक शीर्ष फर्म की 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत के बाद वर्क प्लेस में तनाव को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। ऐसे में यह रिपोर्ट एक चिंताजनक तस्वीर पेश करती है। पढ़ें रिपोर्ट में क्या-क्या बताया गया है।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Thu, 19 Sep 2024 04:00 PM (IST)
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रिपोर्ट के अनुसार भारत में सत्तर फीसदी वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी नौकरी से खुश नहीं हैं। (File Image)

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में एक शीर्ष फर्म की 26 वर्षीय कर्मचारी की मौत के बाद से भारत में लगातार तनावपूर्ण वर्क कल्चर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मृतिका की मां ने आरोप लगाया है कि अत्याधिक वर्क लोड बढ़ने के कारण उनकी बेटी तनाव में थी और इसिलिए उसकी मौत हुई।

इस बीच एक नई रिपोर्ट ने भारत में वर्क कल्चर को लेकर चिंता और बढ़ा दी है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भारत में सत्तर फीसदी वर्किंग प्रोफेशनल्स अपनी नौकरी से खुश नहीं हैं। हैप्पीएस्ट प्लेस टू वर्क द्वारा हैप्पीनेस रिसर्च अकादमी के सहयोग से किए गए इस अध्ययन में वर्कप्लेस को लेकर चिंताजनक तस्वीर पेश की गई है।

आधे से अधिक लोग छोड़ना चाहते हैं नौकरी

रिपोर्ट में के अनुसार बड़ी संख्या में कर्मचारियों का कहना है कि वे अपनी नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। "Happiness at Work – How Happy is India’s Workforce" शीर्षक वाली रिपोर्ट ने पूरे भारत में वर्क प्लेस को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं। रिपोर्ट में 18 उद्योग क्षेत्रों के 2,000 कर्मचारियों का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें खुशी के स्तर में उल्लेखनीय असमानताएं देखी गई हैं। खासकर कि मिलेनियल्स के बीच, जो नौकरी की संतुष्टि के साथ सबसे अधिक संघर्ष करते दिखते हैं।

सर्वेक्षण में शामिल सभी कर्मचारियों में से 54 प्रतिशत अपनी नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें सबसे अधिक असंतोष मिलेनियल्स में पाया गया। इनमें से 59 प्रतिशत नौकरी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट बताती है कि अधिक सहायक वातावरण, जहां कर्मचारी व्यक्तिगत हितों को आगे बढ़ा सकते हैं, वहां नौकरी छोड़ने की चाह रखने वालों की संख्या कम है। ऐसे अवसर वाले कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने पर विचार करने की संभावना 60 प्रतिशत कम पाई गई।

वर्क प्लेस पर नाखुशी के कारण

वर्कप्लेस पर सहयोग कई लोगों के लिए एक अहम मुद्दा है। 63 प्रतिशत कर्मचारी संघर्षों के कारण टीमवर्क में मुश्किलों का अनुभव करते हैं। वहीं 62 फीसदी लोग अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने में झिझक महसूस करते हैं। ये मुद्दे विभिन्न उद्योगों में वर्क प्लेस में खुश न रहने के लिए कर्मचारियों को मजबूर करते हैं।