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Republic Day 2024: कर्तव्य पथ पर ही हर साल क्यों होती है गणतंत्र दिवस परेड? कहां हुआ था पहली बार आयोजन

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि आखिर क्यों हर साल कर्तव्य पथ(पूर्व में राजपथ)पर ही परेड होती है?सबसे पहली बार कहां परेड हुई थी?पहले गणतंत्र दिवस के अतिथि कौन बने थे?इस लेख के माध्यम से चलिए आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं-

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 24 Jan 2024 07:01 PM (IST)
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भारत में हर साल 26 जनवरी को मनाता है गणतंत्र दिवस (जागरण ग्राफिक्स)
जागरण डेस्क, नई दिल्ली। Republic Day and Kartavya Path: जब हमें 1947 में आजादी मिली तब देश को सिर्फ अंग्रेजों के गुलामी से छुटकारा मिला था। उस वक्त हमारे देश के पास संविधान नहीं था मतलब कुछ ऐसे बुनियादी नियम जिनका पालन नागरिकों और सरकार, दोनों को करना होता है। ऐसे सभी नियमों का सम्मिलित रूप संविधान कहलाता है। जो भारत के पास आजादी के बाद तीन सालों तक नहीं था। साल 1950 में भारत को अपना संविधान मिला।

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic day celebration)  के रूप में मनाया जाता है। इस साल देश अपना 75वां गणतंत्र दिवस (75th Republic Day) मना रहा है। सात दशक से अधिक समय हो चुका है जब 1950 में हमारे देश में संविधान लागू हुआ और भारत एक गणतंत्र देश बना। इस बार भारत अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है।

हर साल इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। सभी देशवासियों के लिए यह दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन के आयोजन में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस दिन कर्तव्य पथ पर परेड होती है, तीनों सेनाएं मार्च करती हैं और सैन्य उपकरणों के प्रदर्शन प्रदर्शित किए जाते हैं। हर साल इस दिन के आयोजन के लिए एक मुख्य अथिति को निमंत्रित किया जाता है। इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हों के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन शामिल होंगे।

क्या आपके मन में कभी सवाल आया है कि आखिर क्यों हर साल कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) पर ही परेड होती है? सबसे पहली बार कहां परेड हुई थी? पहले गणतंत्र दिवस के अतिथि कौन बने थे ? इस लेख के माध्यम से चलिए आपको इन सभी सवालों के जवाब देते हैं-

गणतंत्र दिवस समारोह के लिए क्यों हुआ कर्तव्य पथ का चुनाव?

कर्तव्य पथ (पूर्व में राजपथ) भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस जगह ने आजादी के लिए भारत के संघर्ष में अहम किरदार अदा किया था। इस जगह को पहले किंग्सवे के नाम से जाना जाता था। यह इलाका राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के दिल माने जाने वाला 'केंद्र' क्षेत्र है। भारत की आजादी के बाद ही इसे किंग्सवे से बदलकर राजपथ कर दिया गया। आजादी के दिन से लेकर पिछले सात दशकों में हर साल यहां गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित की गई है।

राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक का यह विस्तार देश में एक ऐतिहासिक अहमियत रखता है। कर्तव्य पथ औपनिवेशिक अधीनता से एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य बनने तक भारत की परिवर्तनकारी यात्रा का प्रतीक रहा है। अपने इसी ऐतिहासिक अहमियत के कारण कर्तव्य पथ पर हर वर्ष  पर गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है। 

देश में कहां हुई थी सबसे पहली बार परेड?

पहली गणतंत्र दिवस परेड इरविन स्टेडियम में आयोजित की गई थी, यह इलाका दिल्ली के पुराने किले के सामने था जहां पहली गणतंत्र दिवस परेड आयोजित किया गया था। इस जगह को अब मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम कहा जाता है। उस दौरान स्टेडियम की चारदीवारी नहीं थी। खुले मैदान के सामने स्थित पुराना किला साफ दिखाई देता था।

आजादी के बाद कहां-कहां हुआ परेड का आयोजन

इरविन स्टेडियम में पहली बार गणतंत्र दिवस के आयोजन के बाद भी 1955 तक अलग-अलग जगहों पर इस समारोह का आयोजन किया गया। इसके बाद 1954 तक गणतंत्र दिवस समारोह कभी स्टेडियम, किंग्सवे (राजपथ), लालकिला तो कभी रामलीला मैदान में मनाया गया। राजपथ पर इस परंपरा की नियमित शुरूआत वर्ष 1955 से हुई। तब से आज तक गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान परेड की शुरुआत रायसिना हिल्स से होती है और वह राजपथ, इंडिया गेट से गुजरती हुई लालकिला तक जाती है।

कब किया गया राजपथ का नाम कर्त्तव्य पथ?

साल 2022 के सितंबर महीने में राजपथ का नाम बदला गया। इस जगह का नाम बदलकर 'कर्तव्य पथ' किया गया। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा पुन: डिज़ाइन किए गए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के हिस्से के रूप में इसका आधिकारिक उद्घाटन किया गया। सरकार ने इस बदलाव पर कहा था कि यह नामकरण शक्ति के प्रतीक के रूप में देखे जाने वाले पूर्व राजपथ से नए कर्त्तव्य पथ में परिवर्तन का प्रतीक है, जो सार्वजनिक स्वामित्व और सशक्तिकरण के प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करता है।

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