Republic Day Parade: गणतंत्र दिवस परेड की झांकियों के लिए बनी तीन साल की योजना, सभी राज्यों की शंकाओं पर लगेगा विराम
इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों की झांकियों के चयन पर बहस को सिरे से समाप्त करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा नीतिगत परिवर्तन करते हुए तीन साल की योजना तैयार की है ताकि इस अवधि में सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व का अवसर मिल सके। इसके लिए रक्षा मंत्रालय और राज्यों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मनीष तिवारी, नई दिल्ली। इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्यों की झांकियों के चयन पर बहस को सिरे से समाप्त करने के लिए रक्षा मंत्रालय ने बड़ा नीतिगत परिवर्तन करते हुए तीन साल की योजना तैयार की है, ताकि इस अवधि में सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व का अवसर मिल सके। इसके लिए रक्षा मंत्रालय और राज्यों के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक समेत अब तक 28 राज्यों ने 2024, 2025 और 2026 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए रोलिंग प्लान से संबंधित समझौते पर दस्तखत कर दिए हैं। इस साल गणतंत्र दिवस परेड के लिए अपनी झांकी चयनित न किए जाने पर पंजाब की ओर से उठाए जा रहे सवालों के बीच रक्षा मंत्रालय के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि पूरी चयन प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और विचार-विमर्श पर आधारित है।
झांकियों का चयन विशेषज्ञों की सिफारिशों के आधार पर
मंत्रालय ने कहा कि इसका नतीजा भी पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी है। झांकियों का चयन विशेषज्ञों की छह सदस्यीय समिति की सिफारिशों के आधार पर किए गया है। सूत्रों के अनुसार, राज्यों को पिछले साल मई में विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू होते ही यह बता दिया गया था कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए तीन साल के रोलिंग प्लान पर काम चल रहा है, जिसे राज्यों के साथ साझा किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देना
इस योजना का उद्देश्य ही सभी राज्यों को प्रतिनिधित्व देना है। ऐसे में अब किसी राज्य के विरोध या आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। सूत्रों ने इस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि झांकियों के चयन में भाजपा विरोधी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी की गई है। पंजाब को ही 2017 से 2022 तक लगातार छह साल तक गणतंत्र दिवस परेड में अपनी झांकी प्रदर्शित करने का मौका मिला। पंजाब का आरोप इसलिए भी बेदम है, क्योंकि भाजपा के शासन वाले उत्तराखंड और गोवा को इस बार अपनी झांकी प्रदर्शित करने का मौका नहीं मिला है।
इस बार भी 16 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की झांकियां दिखेंगी
यह भी गौर करने लायक है कि रक्षा राज्यमंत्री अजट भट्ट खुद उत्तराखंड से आते हैं। सूत्रों ने कहा कि हर बार की तरह इस बार भी 16 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की झांकियों का चयन कर्तव्य पथ पर परेड के लिए किया गया है। ये राज्य हैं-आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश हैं।
लाल किले में राज्यों को भारत पर्व में झांकी दिखाने का मौका
इनमें से आंध्र, झारखंड, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना और मेघालय गैर भाजपा शासन वाले राज्य हैं। कर्तव्य पथ पर परेड के अलावा लाल किले में राज्यों को भारत पर्व में अपनी झांकी प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। इस बार समझौते के अनुसार, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा, जम्मू-कश्मीर, गोवा, असम और उत्तराखंड भारत पर्व में भाग लेंगे। कर्नाटक 2015 से 2023 तक लगातार अपनी झांकी गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित करता रहा है।
विकसित भारत और लोकतंत्र की जननी है इस बार की थीम
इस बार गणतंत्र दिवस परेड की थीम विकसित भारत और लोकतंत्र की जननी भारत भूमि रहेगी। राज्यों की झांकियों का चयन भी इसी थीम के आधार पर किया गया है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, तीन साल की योजना पर ज्यादातर राज्यों ने अपनी सहमति जताई है, लेकिन झांकियों के चयन की प्रक्रिया भी समानांतर रूप से चलती रहेगी। स्पष्ट है कि लचीले रुख के साथ एक ऐसी प्रणाली भी रहेगी, जिससे थीम की संकल्पना बनी रहे।
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