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Republic Day Shayari Wishes 2024: गणतंत्र दिवस की सबसे प्यारी शायरी से अपनों को दें 26 जनवरी की हार्दिक शुभकामनाएं

Republic Day Shayari Wishes 2024 Slogan Poem WhatsApp Status Video GIF Download स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था। 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया था। यह देश के एक संप्रभु लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक है।

By Narender Sanwariya Edited By: Narender Sanwariya Updated: Thu, 25 Jan 2024 05:47 PM (IST)
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Republic Day Shayari Wishes 2024: गणतंत्र दिवस की सबसे प्यारी शायरी से अपनों को दें 26 जनवरी की हार्दिक शुभकामनाएं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की आजादी के लिए मंगल पांडे, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद समेत कई वीर सपूतों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया। 15 आगत 1947 को भारत आजाद हुआ और 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ। इसलिए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर सभी लोग एक दूसरे को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। गूगल ट्रेंड्स पर गणतंत्र दिवस की शायरी, गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं संदेश, गणतंत्र दिवस की फोटो, गणतंत्र दिवस के मैसेज, गणतंत्र दिवस के कोट्स और गणतंत्र दिवस की इमेज टॉप पर चल रहे हैं। ऐसे में यदि आप भी अपनों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देना चाहते हैं तो हम आपके लिए लाए हैं गणतंत्र दिवस की सबसे प्यारी शायरी, जिन्हें आप अपनों को भेजकर गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दे सकते हैं।

गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?

स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद द्वारा 26 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने के बाद भारत में गणतंत्र दिवस को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया था। 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को औपचारिक रूप से अपनाया गया था। यह देश के एक संप्रभु, लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तन का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस की सबसे प्यारी शायरी से अपनों को दें 26 जनवरी की हार्दिक शुभकामनाएं

Republic Day Shayari Poem | गणतंत्र दिवस की सबसे प्यारी शायरी

हम अम्न चाहते हैं मगर ज़ुल्म के ख़िलाफ़

गर जंग लाज़मी है तो फिर जंग ही सही

साहिर लुधियानवी

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त

मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी

लाल चन्द फ़लक

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है

उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी

फ़िराक़ गोरखपुरी

वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे

हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे

जाफ़र मलीहाबादी

दुख में सुख में हर हालत में भारत दिल का सहारा है

भारत प्यारा देश हमारा सब देशों से प्यारा है

अफ़सर मेरठी

नाक़ूस से ग़रज़ है न मतलब अज़ाँ से है

मुझ को अगर है इश्क़ तो हिन्दोस्ताँ से है

ज़फ़र अली ख़ाँ

ज़मीं पर घर बनाया है मगर जन्नत में रहते हैं

हमारी ख़ुश-नसीबी है कि हम भारत में रहते हैं

महशर आफ़रीदी

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

बिस्मिल अज़ीमाबादी

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा

अल्लामा इक़बाल

इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान

अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान

जावेद अख़्तर

दैनिक जागरण परिवार की तरफ से आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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