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China Pneumonia: चीन में फिर पैदा हुआ सांसों का संकट, देश के कई राज्यों में अलर्ट; मुस्तैद हुआ स्वास्थ्य विभाग

China Pneumonia चीन में तेजी से Pneumonia के मामले बढ़ रहे हैं। इस बीमारी की चपेट में ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। WHO ने चीन को कई निर्देश जारी किए हैं। वहीं चीन की हालत देखने के बाद अब भारत भी अलर्ट मोड पर आ गया है। भारत के कई राज्यों ने इस रहस्यमयी बीमारी को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है।

By Versha SinghEdited By: Versha SinghUpdated: Wed, 29 Nov 2023 11:34 AM (IST)
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China Pneumonia: चीन में सांस की बीमारी में हो रही बढ़ोतरी, केंद्र के निर्देश के बाद राज्य अलर्ट मोड पर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। China Pneumonia: कुछ समय पहले ही दुनिया ने कोरोना महामारी से निजात पाई थी लेकिन अब एक बार फिरस से पड़ोसी देश चीन में नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। चीन में फैल रही इस रहस्यमयी बीमारी ने बच्चों को अपनी जद में लेना शुरू कर दिया है। चीन की इस बीमारी को लेकर WHO भी सख्त हो गया है और इस बीमारी को लेकर पूरी नजर रख रहा है।

क्या है चीन की ये नई बीमारी?

चीन में फैल रही नई बीमारी का नाम Pneumonia (china pneumonia outbreak) बताया जा रहा है। इस नए संक्रमण के कारण चीन के अस्पतालों में बच्चों की संख्या में लगातार इजाफा दिखाई दे रहा है। इस नए वायरस को रहस्यमयी निमोनिया वायरस इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इसके कुछ लक्षण आम निमोनिया से मिलते-जुलते हैं और कुछ अलग भी हैं।

दरअसल, अगर निमोनिया की बात करें तो उसमें पीड़ित बच्चों को बलगम वाली खांसी, तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन (china pneumonia virus symptoms) की शिकायत होती है।

वहीं, दूसरी ओर चीन के इस रहस्यमयी निमोनिया में बच्चों को बिना बलगम वाली खांसी के साथ ही तेज बुखार और फेफड़ों में सूजन की शिकायत हो रही है।  

भारत में भी कई राज्य अलर्ट पर

चीन में विशेषकर बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में हो रही तेजी से बढ़ोतरी के मद्देनजर केंद्र सरकार (china pneumonia india) ने तैयारियों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार से मिले निर्देश के बाद राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित पांच राज्यों ने अपने स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है।

कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने भी नागरिकों को बीमारियों के संबंध में मौसमी फ्लू के प्रति सचेत रहने के लिए एक सलाह जारी की है। इसके अनुसार, मौसमी फ्लू एक संक्रामक बीमारी है जो आम तौर पर पांच से सात दिनों तक रहती है और अपनी कम रुग्णता और मृत्यु दर (morbidity and mortality rates) के लिए जानी जाती है।

हालाँकि, यह बीमारी शिशुओं, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले लोगों और स्टेरॉयड जैसी दीर्घकालिक दवाएँ लेने वाले लोगों के लिए अधिक जोखिम पैदा करता है, जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।

इन लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, अस्वस्थता, भूख न लगना, मायलगिया, मतली, छींकें और सूखी खांसी शामिल हैं जो उच्च जोखिम वाले समूहों में तीन सप्ताह तक रह सकती हैं।

राजस्थान ने जारी की एडवाइजरी

चीन में फैल रही रहस्यमयी बीमारी को लेकर भारत (pneumonia india) के कई राज्य सतर्क हो चुके हैं। इसी क्रम में राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने अपने कर्मचारियों को सतर्क रहने और त्वरित प्रतिक्रिया दल बनाने की सलाह दी।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने अपनी एडवाइजरी में संबंधित अधिकारियों से बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए एक कार्य योजना तैयार करने को कहा है।

राजस्थान स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्थिति फिलहाल चिंताजनक नहीं है, लेकिन चिकित्सा कर्मचारियों को राज्य भर में संक्रामक रोगों की निगरानी और रोकथाम के लिए पूरी सतर्कता के साथ काम करना चाहिए।

सिंह ने अधिकारियों को इस बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए तीन दिन में कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला एवं मेडिकल कॉलेज स्तर पर एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने तथा संभाग एवं जिला स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया दल गठित करने को कहा।

उत्तराखंड भी अलर्ट पर

उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने मेडिकल टीमों से बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा के लक्षणों पर नजर रखने को कहा है।

उत्तराखंड में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि अस्पतालों में आइसोलेशन बेड, वार्ड, आक्सीजन बेड, आइसीयू बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलिंडर की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था रखी जाए। 

चिकित्सकों के साथ नर्सिंग स्टाफ की उपलब्धता भी सुनिश्चित कर ली जाए। नाक और गले की जांच के सैंपल को नजदीकी मेडिकल कालेज में भेजा जाए। समुदाय स्तर पर यदि कहीं भी परेशानी सामने आती हैं, तो तत्काल जांच की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। तत्काल नियंत्रण, रोकथाम की कार्यवाही की जाए।

दून मेडिकल कालेज प्रशासन अलर्ट मोड पर

स्वास्थ्य सचिव के निर्देश पर दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय भी अलर्ट मोड पर आ गया है। चिकित्सा अधीक्षक डॅा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि इस संबंध में बाल रोग विभाग से बात कर ली गई है। अस्पताल में जांच और बेड बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। बच्चों में निमोनिया वाले मामले में विशेष सुरक्षा और देखभाल के तौर पर इलाज करने को कहा गया है।

कर्नाटक सरकार ने स्वास्थ्य विभाग को किया अलर्ट

कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने चीन में बच्चों में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि की खबरों के बाद पूरे राज्य में अपने स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे को अलर्ट पर रखा है।

कर्नाटक सरकार ने यह फैसला केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों के बाद लिया है। केंद्र सरकार ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें उनसे कहा गया था कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों की तत्काल समीक्षा करें।

कर्नाटक सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने नागरिकों को मौसमी फ्लू वायरस से सावधान रहने के लिए एक सलाह जारी की है। एडवाइजरी में मौसमी फ्लू को लेकर चिंता जताई गई है। बता दें कि मौसमी फ्लू एक संक्रामक बीमारी है, जो आमतौर पर पांच से सात दिनों तक रहती है।

गुजरात सरकार हुई सतर्क

गुजरात सरकार ने भी एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने का आदेश दिया गया है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राकेश जोशी ने कहा कि चीन में फैल रहे रहस्यमय वायरस को ध्यान में रखते हुए सरकारी अस्पतालों ने एक बार फिर तैयारी शुरू कर दी है।

तमिनाडु सरकार कर रही निगरानी

तमिलनाडु के सार्वजनिक स्वास्थ्य और निवारक चिकित्सा निदेशक ने स्वास्थ्य विभाग को राज्य में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने के लिए सचेत किया है। रोग निगरानी बढ़ाने के अलावा, स्वास्थ्य विभाग को रोगियों के प्रबंधन के लिए सुविधाओं को मजबूत करने के लिए भी कहा गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कर रहा निगरानी

निजी सुविधाओं सहित मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों से आईडीएसपी-आईएचआईपी पोर्टल में गंभीर सांस बीमारी या इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के मामलों की रिपोर्ट करने का अनुरोध किया गया है।

यह घटनाक्रम केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक सलाह जारी करने के बाद आया है, जिसमें उनसे सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल की तैयारियों के उपायों की तुरंत समीक्षा करने का आग्रह किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को अपनी एडवाइजरी में कहा कि फिलहाल स्थिति उतनी चिंताजनक नहीं है, वह इस पर करीब से नजर रख रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने लिखा पत्र

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पत्र लिखकर सार्वजनिक स्वास्थ्य और अस्पताल तैयारी उपायों की तुरंत समीक्षा करने की सलाह दी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पत्र में कहा गया है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस साल की शुरुआत में साझा किए गए 'कोविड के संदर्भ में संशोधित निगरानी रणनीति के लिए परिचालन दिशानिर्देश' को लागू करने की सलाह दी गई है।

WHO ने जारी की गाइडलाइन

चीन में तेजी से फैल रही सांस संबंधी बीमार को लेकर WHO अलर्ट मोड पर है। इस वायरस को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO on Pneumonia) ने सभी देशों के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। सभी देशों ने इन गाइडलाइन्स को देखते हुए अपने-अपने देशों में तैयारियां शुरू कर दी हैं।

  • लोग अपने घरों और दफ्तरों के पास साफ-सफाई रखें और किसी भी तरह की गंदगी फैलाने से बचें।
  • शरीर में किसी भी तरह के बुखार के लक्षण दिखने पर खुद कोई दवाई न लें।
  • बुखार का कोई भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें।
  • किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।
  • जरूरत लगने पर तुरंत मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।
  • बच्चों और बुजुर्गों के सभी सामानों को साफ-सुथरा रखें।
  • खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल या हाथ से ढक लें।
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