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Revised Criminal Law Bills: मॉब लिंचिंग अपराध पर होगी फांसी की सजा, लाया गया देशद्रोह कानून; तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पर बोले अमित शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तीन नए आपराधिक कानून विधेयक पर बोलते हुए लोकसभा में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं अब 531 होंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं। अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी के 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Siddharth ChaurasiyaUpdated: Wed, 20 Dec 2023 04:09 PM (IST)
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गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सीआरपीसी के 177 धाराओं में बदलाव हुआ है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को तीन नए आपराधिक कानून विधेयक पर बोलते हुए लोकसभा में कहा कि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (CRPC) में पहले 484 धाराएं थीं, अब 531 होंगी। 9 नई धाराएं जोड़ी गई हैं। 39 नए सब सेक्शन जोड़े गए हैं।

अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी के 177 धाराओं में बदलाव हुआ है। 44 नए प्रोविजन और स्पष्टीकरण जोड़े गए हैं। 35 सेक्शन में टाइम लाइन जोड़ी हैं और 14 धाराओं को हटा दिया गया है।

मॉब लिंचिंग अपराध पर होगी फांसी की सजा

लोकसभा में गृह मंत्री ने कहा कि मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और हम इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान कर रहे हैं। लेकिन मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि आपने (कांग्रेस) भी वर्षों देश में शासन किया है, आपने मॉब लिंचिंग के खिलाफ कानून क्यों नहीं बनाया? आपने मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल सिर्फ हमें गाली देने के लिए किया, लेकिन सत्ता में रहे तो कानून बनाना भूल गए।

उन्होंने सदन को जानकारी देते हुए कहा कि सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 इस सदन के अनुमोदन के बाद अमल में आएगी। इसके अलावा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट 1872) की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 अमल में आएगा।

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अंग्रेजों का काला राजद्रोह कानून निरस्त

लोकसभा में शाह ने कहा कि राजद्रोह जैसे अंग्रेजों के काले कानून को समाप्त कर दिया गया है। इसकी जगह देशद्रोह कानून लाया गया है। देश के खिलाफ बोलना गुनाह होगा। सशस्त्र विद्रोह करने पर जेल होगी।

उन्होंने कहा कि पुराने कानून तत्कालीन कानून विदेशी शासकों द्वारा अपना वर्चस्व बनाए रखने में मदद के लिए बनाए गए थे। नए कानून हमारे संविधान के मूल मूल्यों- व्यक्तिगत स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के लिए समान व्यवहार को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं।

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तीनों कानूनों में बदलाव को लेकर क्या बोले अमित शाह?

गृह मंत्री ने कहा कि इस ऐतिहासिक सदन में करीब 150 साल पुराने तीन कानून, जिनसे हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली चलती है। उन तीनों कानूनों में पहली बार मोदी जी के नेतृत्व में भारतीयता, भारतीय संविधान और भारत की जनता की चिंता करने वाले बहुत आमूल-चूल परिवर्तन लेकर मैं आया हूं। मेरे लिए बहुत सम्मान और गौरव की बात है कि आज मैं इस महान सदन के सामने 3 कानून लेकर उपस्थित हुआ हूं।

ये ऐसा मौका है जब हमारा संविधान अगले वर्ष 75 साल पूरे कर लेगा, ये ऐसा मौका है जब अभी-अभी इस संसद ने देश की मातृ शक्ति को सदनों में 33 प्रतिशत आरक्षण देने का कानून बनाया है।

हमने 370 हटाने का वादा पूरा किया

अमित शाह ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी ने गुलामी की मानसिकता को मिटाने की दिशा में काम किया है...पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि औवनिवेशिक कानून से मुक्ति मिलनी चाहिए और इसी के तहत गृह मंत्रालय ने कानूनों को बदलने के बारे में काम करना आरंभ किया।"

उन्होंने कहा, "मैंने तीनों विधेयकों को गहनता से पढ़ा है और इन्हें बनाने से पहले 158 परामर्श सत्रों में भाग लिया है।" शाह ने कहा कि लंबे समय बाद देश की जनता ने एक ऐसी सरकार चुनी है, जिसने अपने घोषणापत्र में किए वादों को अक्षरश: लागू किया है।

उन्होंने कहा, "हमने अनुच्छेद 370 हटाने का वादा किया था, हट गई...हमने कहा था कि राम मंदिर बनाएंगे, 22 जनवरी को वहां रामलला विराजमान होंगे...हमने कहा था कि महिलाओं को आरक्षण देंगे, हमने आरक्षण दिया...मुस्लिम माताओं-बहनों को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक को खत्म किया गया।"