त्रिपुरा में मां काली की मूर्ति खंडित होने से बवाल, उपद्रवियों ने 12 घरों को फूंका; वाहनों में भी लगाई आग
Tripura Violence सहायक महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अनंत दास ने बताया कि तनाव कम करने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही पुलिस महानिदेशक (खुफिया) अनुराग धनखड़ और पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने इलाके का दौरा किया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उग्र भीड़ को देखकर लोग अपने घरों से भाग गए।
पीटीआई, अगरतला। पश्चिम त्रिपुरा के रानीरबाजार इलाके में एक मंदिर में मूर्ति क्षतिग्रस्त होने के बाद अज्ञात लोगों ने 12 घरों सहित कई वाहनों में आग लगा दिया। पुलिस ने सोमवार को जानकारी देते हुए कहा कि तनाव को कम करने के लिए इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है।
सहायक महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अनंत दास ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "रविवार देर रात कैतुरबाड़ी में देवी काली की मूर्ति के खंडित पाए जाने के बाद उपद्रवियों ने रानीरबाजार में करीब 12 घरों में आग लगा दी। आग में कुछ मोटरसाइकिल और पिकअप वैन भी जलकर खाक हो गए। घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।"
उग्र भीड़ को देखकर लोग अपने घरों से भाग गए
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, उग्र भीड़ को देखकर लोग अपने घरों से भाग गए। अनंत दास ने बताया कि तनाव कम करने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही पुलिस महानिदेशक (खुफिया) अनुराग धनखड़ और पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने इलाके का दौरा किया है।स्वतः संज्ञान लेकर केस दर्ज करेगी पुलिस
उन्होंने कहा कि संपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन पूरा होने के बाद पुलिस स्वतः संज्ञान लेकर केस दर्ज करेगी। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। वहीं, टिपरा मोथा पार्टी सुप्रीमो प्रद्योत किशोर माणिक्य देबबर्मा ने घटना पर चिंता जताते हुए सभी से कानून-व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
झड़पों की खबरें चिंताजनक संकेत- देबबर्मा
देबबर्मा सोशल मीडिया पर लिखा, "रानीबाजार कैतुरबारी इलाके में कल रात हुई घटना सांप्रदायिक झड़पों की खबरों के साथ चिंताजनक संकेत हैं। मैं उन लोगों से अपील करता हूं जो कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिम्मेदार हैं कि वे कानून के शासन का पालन करें।"कुछ तत्व केवल धार्मिक राजनीति खेल रहे- देबबर्मा
उन्होंने कहा कि जब हमारा राज्य प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है और इतना तनाव है, तो कुछ तत्व केवल धार्मिक राजनीति खेल रहे हैं। उपद्रवियों से उनकी आस्था की परवाह किए बिना सख्ती से निपटा जाना चाहिए। कानून सभी के प्रति तटस्थ होना चाहिए। मैं त्रिपुरा से इन कठिन समय में एकजुट होने और एक-दूसरे से नहीं लड़ने का आग्रह करता हूं।
बता दें कि त्रिपुरा में 19 अगस्त से आई विनाशकारी बाढ़ के में अबतक 26 लोगों की मौत हो गई है और 1.17 लाख लोग बेघर हो गए हैं।ये भी पढ़ें: भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास! यूनुस सरकार ने दो राजनयिकों को वापस बुलाया