Move to Jagran APP

Riyaz Naikoo Killed: अब भी सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में हैं कश्मीर के 12 मोस्ट वांटेड आतंकी

Riyaz Naikoo Killed रियाज नाइकू के साथ अगर जुनैद व सैफुल्ला मारे गए हैं तो फिर मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में दो नाम और कम होकर यह लिस्ट 10 तक ही सीमित रह जाएगी।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 07 May 2020 06:53 AM (IST)
Riyaz Naikoo Killed: अब भी सुरक्षाबलों की हिटलिस्ट में हैं कश्मीर के 12 मोस्ट वांटेड आतंकी
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में हिजबुल मुजाहिदीन के टॉप कमांडर रियाज नाइकू की कहानी खत्म करने के बाद सुरक्षाबलों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में अब 12 आतंकी ही रह गए हैं। इस लिस्ट में लश्कर-ए-तैयबा के सलीम, हिजबुल मुजाहिदीन के डॉ सैफल्ला मीर, द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF) के अबु हमजा, अंसार गजवातुल हिंद (AGH) का खालिद इंब्राहिम सहित अन्य कुख्यात आतंकियों के नाम शामिल है, जिन्हें मार गिराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। मोस्ट वांटेड 12 आतंकियों की लिस्टम में कई पाकिस्तानी भी हैं।

अवंतीपाेरा के बेगीपोरा में चल रही मुठभेड़ में हिज्ब कमांडर रियाज नाइकू के साथ डिप्टी कमांडेंट डॉ सैफुल्ला मारे जाने की भी संभावना है। अगर वह बच गया है तो वह ही हिज्ब का अगला कमांडर हो सकता है। इसी के साथ वह सुरक्षाकर्मियों की मोस्ट वांटेड लिस्ट में भी सबसे ऊपर रहेगा।

हिज्ब आतंकी डॉ सैफुल्ला: पुलवामा के मलंगपोरा के रहने वाले डॉ सैफुल्ला को सैफ मीर भी कहते हैं। वह भी ए-श्रेणी का आतंकी है।

लश्कर आतंकी सलीम: उसके अलावा उत्तरी कश्मीर में संक्रिय लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी सलीम परे भी इस समय सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुलिस व सेना उसे मार गिराने का बस एक मौका तलाश रही हैं। उससे जुड़ी एक सूचना पाने के लिए घाटी में उन्होंने अपने सूचना तंत्र को भी सक्रिय किया हुआ है। परंतु अभी तक कामयाबी नहीं मिल पा रही है। बांडीपोर का रहने वाला सलीम दो साल पहले वर्ष 2018 में आतंकवादी संगठन लश्कर से जुड़ा था।

अल-बदर आतंकी जावेद मट्टु: इसके बाद लिस्ट में नाम आता है अल-बदर कमांडर जावेद अहमद मटटु का, जो साेपोर का रहने वाला है। यह डबल ए-श्रेणी के आतंकवादियों में आता है। इसका सोपोर व उसके आसपास के इलाकों में काफी दबदबा है।

पाकिस्तानी आतंकी अली: उत्तरी कश्मीर और उसके साथ लगते इलाकों में पिछले चार सालों से सक्रिय जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी अली पाकिस्तान का रहने वाला है। हालांकि बीते कुछ महीनों से वह किसी को नजर नहीं आया है, वह भी मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल है।

इसके अलावा दक्षिण कश्मीर में त्राल का रहने वाला जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी शमीम सोफी और पाकिस्तानी जैश कमांडर मूसा उर्फ वलीद के अलावा श्रीनगर में सक्रिय हिज्ब कमांडर जुनैद अम्मार, कुलगाम के हिज्ब कमांडर अब्बास शेख और फारूक का नाम भी 12 टॉप मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में आते हैं। सुरक्षाबलों का कहना है कि लिस्टम में शामिल टीआरएफ के अबु हमजा और एजीएच के खालिद इब्राहिम के बारे में उनके पास कोई ज्यादा जानकारी नहीं है। रियाज नाइकू के साथ अगर जुनैद व सैफुल्ला मारे गए हैं तो फिर मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में दो नाम कम होकर यह लिस्ट 10 तक सीमित रहेगी।

बीते पांच सालों के दौरान मारे गए प्रमुख आतंकी कमांडरः वर्ष 2010 में आतंकी बनने वाला कुलगाम का अयातुल्ला खुमैनी मई 2015 में मारा गया। इसी सितंबर 2015 में पाकिस्तानी आतंकी अबु कासिम भी मारा गया था। कोयमू कुलगाम का दाउद शेख सात मार्च 2016 में मारा गया। दाउद का पड़ोसी आतंकी कमांडर माजिद जरगर 10 जनवरी 2017 को मारा गया। इससे पूर्व आठ जुलाई 2016 को त्राल का बुरहान वानी कुलगाम मे अपने साथियों संग मारा गया। जुनैद मटटु 16 जून 2017 को अरवनी बीजबेहाड़ा में, वसीम अहमद शाह 13 अक्तूबर 2017 को लित्तर पुलवामा में, लश्कर का पाकिस्तानी कमांडर अबु दुजाना अपने साथी आरिफ ललहारी संग पहली अगस्त 2017 को हकरीपोरा पुलवामा में, जैश को छोड़ अंसार गजवातुल हिंद में शामिल होने वाला अबु हमास 17 मार्च 2018 को, मोहम्मद यासीन इट्टु़ उर्फ गजनवरी 14 अगस्त 2017 को अवनीरा शोपियां में, सद्दाम पडर छह मई 2018, अल्ताफ अहमद काचरु 29 अगस्त 2018 को, जीनत उल इस्लाम 12 जनवरी 2019 को, जाकिर मूसा 23 मई 2019 को, नवीद जट्ट नवंबर 2018 को मारा गया है। फरवरी 2019 में जैश कमांडर कामरान गाजी और उससे पूर्व जैश कमांडर तलहा को भी सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।

यह भी पढ़ें: 

Riyaz Naikoo Killed: अपने गांव बेगीपोरा में बीमार मां से मिलने आया था रियाज नाइकू 

Riyaz Naikoo: बुरहान वानी व मूसा की बगावत के बाद मिली कमान, आतंकी बुलाते थे- 'मास्टर जी'

Riyaz Naikoo: कश्मीर घाटी में पिछले चार सालों में मारे गए ये 12 टॉप मोस्टवांटेड आतंकवादी!

Riyaz Naikoo की मौत से हिजबुल को बड़ा झटका, संगठन की कमर टूटी, जानें- क्या होगा इसका असर