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NEP: नए पाठ्यक्रम का रोडमैप तैयार, दो हिस्सों में लागू होगा सिलेबस; केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी जानकारी

एनईपी के तहत तैयार किए जा रहे नए पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा में बड़े गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि स्कूलों में वैसे तो शैक्षणिक सत्र 2024-25 यानी अगले साल से इसके अमल की शुरूआत हो जाएगी। पहले साल तीसरी चौथी पांचवीं छठीं नौवीं और ग्यारहवीं का आएगा पाठ्यक्रम अगले साल सातवीं आठवीं दसवीं और बारहवीं का पाठ्यक्रम होगा लागू।

By Jagran NewsEdited By: Shashank MishraUpdated: Tue, 17 Oct 2023 07:06 PM (IST)
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पहले साल तीसरी, चौथी, पांचवीं, छठीं, नौवीं और ग्यारहवीं का आएगा पाठ्यक्रम।

अरविंद पांडेय, नई दिल्ली। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत तैयार किए जा रहे नए पाठ्यक्रम को स्कूली शिक्षा में बड़े गेमचेंजर के रूप में देखा जा रहा है। ऐसे में यह कब से और कैसे लागू होगी इसको लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है।

शैक्षणिक सत्र 2024-25 से होगी एनईपी की शुरूआत

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को स्कूलों में इसके अमल का पूरा रोडमैप सामने रखते हुए बताया कि स्कूलों में वैसे तो शैक्षणिक सत्र 2024-25 यानी अगले साल से इसके अमल की शुरूआत हो जाएगी। लेकिन यह दो चरणों में लागू होगी। पहले चरण में इसे सिर्फ छह कक्षाओं में ही लागू किया जाएगा, जो तीसरी, चौथी, पांचवीं, छठी, नौवीं और ग्यारहवीं की कक्षाएं होगी।

वहीं दूसरे चरण यानी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में इसे बाकी चार कक्षाओं में यानी सातवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं में लागू किया जाएगा। इस तरह से स्कूलों में नए पाठ्यक्रमों को दो सालों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

अगले दो सालों में पूरी तरह से लागू होगी एनईपी

केंद्रीय शिक्षा मंत्री प्रधान मंगलवार को नए स्कूली पाठ्यक्रम सहित शिक्षा सुधार को लेकर ' दैनिक जागरण' के साथ चर्चा कर रहे थे। पाठ्यक्रम को तैयार करने का काम तेजी से चल रहा है। ऐसे में यह शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होना शुरू हो जाएगी और अगले दो सालों में पूरी तरह से लागू कर दी जाएगी।

नए ढांचे में स्कूली शिक्षा चार चरणों में हो गई है। पहला बुनियादी, दूसरा प्रारंभिक, तीसरी मिडिल और चौथा सेकेंडरी है। प्रधान ने बताया कि नए पाठ्यक्रम को लागू करने की शुरूआत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से होगी। जिसे राज्य भी अपने यहां लागू कर सकते है।

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नए पाठ्यक्रम के तैयार होते ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) तुरंत ही इसे सभी राज्यों के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को भेज देगा। जो अपने जरूरत के हिसाब से उसे अमल में ला सकते है। नए पाठ्यक्रम के तहत एक साथ बड़ी संख्या में पुस्तकों को तैयार होने के सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि एनसीईआरटी यह साल करती है। ऐसे में नई पाठ्यपुस्तकें तैयार करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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