कुशल सर्जन से भी सटीक निकला रोबोट, किया आंख का ऑपरेशन
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह रोबोट सात मोटर की मदद से मशीनी हाथ की तरह काम करता है। यह एक माइक्रोन (मीटर का 10 लाखवां हिस्सा) तक के बारीक अंतर को परख कर काम करने में सक्षम है।
लंदन, एजेंसी। ब्रिटेन में एक रोबोट ने सफलतापूर्वक छह मरीजों की आंख का ऑपरेशन किया है। दुनिया में पहली बार हुए इस तरह के परीक्षण में वैज्ञानिकों ने रोबोट को किसी कुशल शल्य चिकित्सक से भी ज्यादा सटीक पाया।
परीक्षण के दौरान ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 12 मरीजों की आंख की मेम्ब्रेन-रिमूवल सर्जरी की। इनमें से छह मरीजों पर पारंपरिक तरीका अपनाया गया और छह पर नया रोबोटिक तरीका इस्तेमाल हुआ। वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों का ऑपरेशन रोबोट के जरिये किया गया, उनका खून कम बहा। उन लोगों के रेटिना को भी कम नुकसान पहुंचा।
मीटर के 10 लाखवें हिस्से के बारीक अंतर को परख सकता है रोबोट
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह रोबोट सात मोटर की मदद से मशीनी हाथ की तरह काम करता है। यह एक माइक्रोन (मीटर का 10 लाखवां हिस्सा) तक के बारीक अंतर को परख कर काम करने में सक्षम है। यह एक मिमी से भी छोटे सूराख से पूरी प्रक्रिया को अंजाम देता है। पूरी प्रक्रिया में एक सर्जन ने रोबोट को नियंत्रित किया। प्रो. रॉबर्ट ई मैकलारेन ने कहा, 'रोबोटिक तकनीक बेहद रोमांचित करने वाली है। रेटिना के नीचे ऑपरेशन करने की इसकी क्षमता का प्रयोग कर आंखों से जुड़ी कई आनुवंशिक और स्टेम सेल संबंधी बीमारियों का इलाज संभव हो सकता है।'
इतनी संवेदनशील थी सर्जरी
रेटिना पर अक्सर महीन सी मेम्ब्रेन आ जाती है। यह स्थिति आई ट्राउमा या मधुमेह के कारण बनती है। इसके चलते दृष्टि बाधित होने लगती है। इस बीमारी को इपिरेटिनल मेम्बेन कहा जाता है। यदि समय रहते रेटिना से इस मेम्ब्रेन को न हटाया जाए तो दृष्टि जाने का खतरा रहता है। वर्तमान में यह सर्जरी डॉक्टर करते हैं, लेकिन संवेदनशील रेटिना से मेम्ब्रेन हटाने में कई बार खून बहने लगता है और घाव भी हो जाते हैं। डॉ. मैकलारेन के मुताबिक, यह मेम्ब्रेन महज 10 माइक्रोन मोटी होती है। यानी मानव बाल की मोटाई का दसवां हिस्सा। इसे रेटिना को नुकसान पहुंचाए बगैर हटाना होता है। वह भी तब जबकि मरीज की आंखें हर धड़कन के साथ हिलती-डुलती है।