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पांच गारंटी योजना पर सालाना 52 हजार करोड़ रुपये खर्च, CM सिद्धारमैया ने कहा- यह सबसे बड़ी आय सहायता का पहल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ बैठक में राज्य सरकार की पांच गारंटी योजना पर प्रति वर्ष 52000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने की जानकारी दी। इस महत्वाकांक्षी समावेशन एजेंडे के तहत 12 मिलियन से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान की जा रही है। योजनाओं में गृह लक्ष्मी गृह ज्योति अन्न भाग्य शक्ति और युवा निधि शामिल हैं।

By Agency Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 28 Aug 2024 02:08 PM (IST)
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कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ( फाइल फोटो )

एएनआई, बेंगलुरु। मंगलवार को बेंगलुरु में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी के साथ बैठक में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य सरकार अपनी पांच गारंटी योजना पर प्रति वर्ष 52,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रही है। उन्होंने कहा, 'पांच गारंटियों पर हम प्रति वर्ष 52,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर रहे हैं। यह शायद किसी भी राज्य सरकार द्वारा की गई सबसे बड़ी आय सहायता पहल है।'

सिद्धारमैया ने कहा, 'समान विकास के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप, हमने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 12 मिलियन से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष आय सहायता प्रदान करके एक बहुत ही महत्वाकांक्षी समावेशन एजेंडा शुरू किया है। हम इस एजेंडे को 'पांच गारंटी' कहते हैं।'

महिला मुखिया को 2,000 रुपये की मासिक नकद सहायता

गृह लक्ष्मी के तहत प्रत्येक परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपये की मासिक नकद सहायता, जिससे प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से 12 मिलियन महिलाओं को लाभ मिलेगा। वहीं, गृह ज्योति के तहत 14 मिलियन घरों के लिए 200 यूनिट तक मुफ्त घरेलू बिजली, अन्न भाग्य के तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो अनाज का प्रावधान, साथ ही अनाज की कमी के कारण प्रति व्यक्ति 170 रुपये का वैकल्पिक नकद हस्तांतरण। इससे 12 मिलियन से अधिक परिवारों को लाभ होगा।

सभी महिला निवासियों के लिए निःशुल्क बस यात्रा

शक्ति के तहत सभी महिला निवासियों के लिए निःशुल्क बस यात्रा कर सकती हैं। इस योजना के तहत अब तक 280 करोड़ से अधिक यात्राएं की जा चुकी हैं। इसके अलावा, युवा निधि के तहत स्नातकों के लिए ₹3,000 और डिप्लोमा धारकों के लिए ₹1,500 का मासिक वजीफा दो साल तक या रोजगार मिलने तक शामिल है। इस कार्यक्रम ने 1.31 लाख युवाओं को सहायता प्रदान की है।

भारत का 42 प्रतिशत सॉफ्टवेयर निर्यात कर्नाटक से

सीएम ने कहा, 'कर्नाटक सेमी-कंडक्टर, अंतरिक्ष और एयरोस्पेस क्षेत्रों में अनुसंधान, नवाचार और उच्च प्रौद्योगिकी का केंद्र है। भारत का 42 प्रतिशत सॉफ्टवेयर निर्यात कर्नाटक से होता है और राज्य के जीएसवीए (सकल राज्य मूल्य संवर्धन) का 28 प्रतिशत कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और संबंधित उत्पादन और निर्यात से आता है।'

उन्होंने कृषि, पर्यटन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी आधारित उद्योगों सहित अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। बता दें कि सामाजिक कल्याण की दिशा में एक साहसिक कदम उठाते हुए, कर्नाटक ने 'पांच गारंटी' कार्यक्रम शुरू किया है। इस गारंटी का उद्देश्य राज्य की कमजोर आबादी को बड़े स्तर पर सहायता प्रदान करना है।

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