Move to Jagran APP

देश के इस शहर में बिके 6 हजार करोड़ रुपये के पटाखे, फिर भी मायूस कारखाना मालिक

तमिलनाडु के शिवकाशी को पटाखों का शहर कहा जाता है। शिवकाशी में देशभर के लगभग 70 फीसदी पटाखों का उत्पादन किया जाता है। इस साल यहां करीब 6 हजार करोड़ रुपये के पटाखे बेचे गए हैं। फिर भी पटाखा उद्योग बदहाल है। कारोबारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण पटाखा उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है।

By Jagran News Edited By: Manish Negi Updated: Fri, 01 Nov 2024 08:07 PM (IST)
Hero Image
शिवकाशी में पटाखा कारोबारी मायूस क्यों हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु का शिवकाशी पटाखों के कारोबार के लिए जाना जाता है। देशभर में शिवकाशी से पटाखे जाते हैं। हालांकि, इस बार कारोबार पर फर्क पड़ा है। तमिलनाडु फायरवर्क्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का कहना है कि इस साल शिवकाशी में 6 हजार करोड़ रुपये के पटाखों का कारोबार हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के कारण कारोबार में कमी देखने को मिली है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कारोबार पर असर

शिवकाशी में आपस में जुड़े हुए पटाखों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस प्रतिबंध के कारण पटाखों के उत्पादन में 30 फीसदी की गिरावट आई है।

300 से ज्यादा कारखानों में उत्पादन

बताया जाता है कि शिवकाशी और इससे सटे इलाकों में 300 से अधिक कारखानों में आपस में जुड़े हुए पटाखे बनते हैं। पटाखा निर्माता ने कहा कि शिवकाशी में कुल उत्पादन में ध्वनि वाले पटाखों का हिस्सा 40 प्रतिशत है। इनमें से लगभग 20 प्रतिशत आपस में जुड़े हुए पटाखे थे।

इसका असर ये हुआ कि पटाखा निर्माताओं को काफी समय तक कारखानों को बंद रखना पड़ा। मजदूर दूसरे कारखाने में चले गए। वहीं, भारी बारिश से भी पटाखों के उत्पादन पर असर पड़ा है।

कहा जाता है कि शिवकाशी में देश के करीब 70 फीसदी पटाखे बनते हैं। पटाखा कारखानों की संख्या 1100 से ज्यादा है। इनमें चार लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। पटाखों के कारोबार को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने वीडियो भी शेयर किया था।

बीजेपी नेता ने वीडियो में लोगों से ज्यादा से ज्यादा पटाखे खरीदने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि पटाखों को लेकर कई तरह की बातें की जाती हैं, लेकिन ये सोच हम पर थोपी जा रही है। पटाखा जलाने से लाखों लोगों के घर चलते हैं।

केरल में हादसा

उधर, केरल में बड़ा हादसा हुआ था। नीलेश्वरम में एक मंदिर उत्सव के दौरान आतिशबाजी दुर्घटना हुई थी। हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने आतिशबाजी करने और दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में मंदिर समिति के 8 सदस्यों के खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

ये भी पढ़ें:

हाथ और आंख में चोट, चेहरा झुलसा...बारूद बनाते समय जोरदार धमाका; सफाईकर्मी घायल