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RSS प्रमुख मोहन भागवत जल संरक्षण पर उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को करेंगे संबोधित

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जल की पवित्रता पर एक भारतीय संवाद बनाने और इसे वैज्ञानिक सोच के पर व्याख्यान देंगे। इस दौरान वह जल संरक्षण पर भी अपनी बात रखेंगे।

By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Sun, 18 Dec 2022 03:44 PM (IST)
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RSS प्रमुख मोहन भागवत जल संरक्षण पर उज्जैन में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को करेंगे संबोधित। फाइल फोटो।
नई दिल्ली, पीटीआइ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को मध्यप्रदेश के उज्जैन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जल की पवित्रता पर एक भारतीय संवाद बनाने और इसे वैज्ञानिक सोच के पर व्याख्यान देंगे। इस दौरान वह जल संरक्षण पर भी अपनी बात रखेंगे। जल शक्ति मंत्रालय और दीनदयाल अनुसंधान संस्थान (DRI) द्वारा सुजलाम (SuJalam) नाम से आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन 27 से 29 दिसंबर तक शिप्रा नदी के तट पर किया जाएगा।

तीन दिन चलेगा सम्मेलन

मालूम हो कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में जल क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली वैचारिक (Conceptual) और परिस्थितिजन्य (Circumstantial) चुनौतियों और भारतीय ज्ञान प्रणाली में जल के तत्व पर सत्र को आयोजित किया जाएगा। दीनदयाल अनुसंधान संस्थान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सत्र के दौरान लोक परंपराओं, सामाजिक रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों में पानी के महत्व और पानी से संबंधित त्योहारों का एक सार-संग्रह तैयार करने और उनके वैज्ञानिक विश्लेषण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

27 दिसंबर को आरएसएस प्रमुख देंगे व्याख्यान

इस सम्मेलन को जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उज्जैन में 27 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को व्याख्यान देंगे, जबकि इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 29 दिसंबर को समापन समारोह में भाग लेंगे।

कई कार्यक्रमों का होना है आयोजन

मालूम हो कि उज्जैन में होने वाला यह सम्‍मेलन सुमंगलम नामक कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक हिस्‍सा है इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रकृति के पांच बुनियादी तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष की शुद्धता को सुरक्षित करने की अनूठी भारतीय अवधारणा को प्रस्तुत करना है। आकाश और वायु पर पहले दो सम्मेलन क्रमशः देहरादून और भुवनेश्वर में आयोजित किए जा चुके हैं। काशी में 8 और 9 जनवरी को कृषि पर केंद्रित पृथ्वी पर सम्मेलन होना है। जबकि अग्नि पर एक कार्यक्रम का आयोजन 28 और 29 जनवरी को बिजली मंत्रालय द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से बेंगलुरु में किया जाएगा।

नई दिल्ली में हो सकता है समापन समारोह का आयोजन

इस सम्मेलन में धार्मिक नेता, वैज्ञानिक, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वदेशी सोच के आधार पर समाधान खोजने वाले कई लोग भाग लेंगे। इस समारोह का समापन सत्र 3 से 4 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित होने की संभावना है।

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