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सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का RSS ने किया स्वागत, कहा- यह लैंगिक भेदभाव का मामला नहीं

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने संगठन के ट्विटर हैंडल पर लिखा हम मामले को बड़ी संविधान पीठ को भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Fri, 15 Nov 2019 01:35 AM (IST)
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सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का RSS ने किया स्वागत, कहा- यह लैंगिक भेदभाव का मामला नहीं
नागपुर, प्रेट्र। सबरीमाला मामला बड़ी पीठ को भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने गुरुवार को कहा कि केरल के प्रसिद्ध मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध का लैंगिक भेदभाव से कोई लेना-देना नहीं है।

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने संगठन के ट्विटर हैंडल पर लिखा, 'हम मामले को बड़ी संविधान पीठ को भेजने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। निश्चित आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध का लैंगिक भेदभाव या असमानता से कोई लेना-देना नहीं है। यह विशुद्ध रूप से देवता की विशेषता पर आधारित है।'

उन्होंने कहा, 'हमारी पुरजोर राय है कि मामले में किसी भी आधार पर न्यायिक समीक्षा करना हमारे संविधान में पूजा करने की आजादी की भावना का उल्लंघन होगा और संबंधित अधिकारियों की राय को ऐसे मामलों में सर्वोच्च तरजीह दी जानी चाहिए।'

गौरतलब है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने के फैसले पर  दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुनाया है।

फैसला सुनाते हुए गोगोई ने कहा कि पूजा स्थलों में महिलाओं के प्रवेश केवल इस मंदिर तक ही सीमित नहीं है। इसमें मस्जिदें भी शामिल हैं। इसलिए कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा रही है। यानी की अब मंदिर में महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी।