कैसे ठुकराई थी स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश? कृषि मंत्री ने राज्यसभा में रखा कांग्रेस काल का कैबिनेट नोट
राज्यसभा में शुक्रवार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खूब हंगामा हुआ। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से बड़ा किसान हितैषी कोई नहीं है। एमएसपी पर विपक्ष विपक्ष घड़ियाली आंसू न बहाए। उन्होंने यह भी बताया कि एमएसपी को लेकर गठित समिति अब तक 22 बैठकें कर चुकी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसानों पर एक बार फिर से गर्मा रही राजनीति का असर शुक्रवार को राज्यसभा में भी दिखाई दिया। प्रश्नकाल के दौरान कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान जब सपा सदस्य रामजीलाल सुमन के एमएसपी कानून संबंधी प्रश्न का उत्तर देने के लिए खड़े हुए तो विपक्षी खेमे से खास तौर पर कांग्रेस सदस्यों ने सरकार से सीधे जवाब की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी।
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पीएम मोदी से बड़ा किसान हितैषी कोई नहीं
सभापति जगदीप धनखड़ की लगातार हिदायत के बीच हंगामा चलता रहा और शिवराज आंकड़े रखते गए कि कैसे मोदी सरकार ने यूपीए सरकार की तुलना में कहीं अधिक एमएसपी पर फसलों की खरीद की है। एमएसपी पर स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को खारिज करने संबंधी यूपीए सरकार का कैबिनेट नोट सदन पटल पर रखते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि विपक्ष घडि़याली आंसू न बहाए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बड़ा किसान हितैषी कोई नहीं है।
सुरजेवाला को सभापति ने दी नसीहत
कुछ देर तक सदन में हंगामा पसरा रहा और उसी बीच सभापति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला और जयराम रमेश को डांट लगाई। रणदीप से कहा कि आप किसानों से दुश्मनी निकाल रहे हैं जबकि बार-बार टोकाटाकी कर रहे जयराम को रोकते हुए उन्होंने कहा कि आप किसानों का क, ख, ग भी नहीं जानते हैं।अभी तक नहीं मिली समिति की रिपोर्ट
सपा सदस्य के अनुपूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने सदन को बताया कि एमएसपी को लेकर बनाई गई समिति की अब तक 22 बैठकें हो चुकी हैं। कई बैठकें उपसमितियों की भी हो चुकी हैं, लेकिन अभी समिति की रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट मिलने पर सरकार अवश्य उस पर विचार करेगी। विपक्ष ने जब इसे गोलमोल जवाब और अनिश्चितता बताया तो कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार रिपोर्ट की प्रतीक्षा में बैठी नहीं, बल्कि लगातार किसानों के हित में निर्णय किए जा रहे हैं।
23 फसलों की एमएसपी बढ़ाई
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार छह सूत्रीय कार्यक्रम पर काम कर रही है। इनमें उत्पादन बढ़ाना, लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदा होने पर उसकी भरपाई, कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक खेती शामिल है। उन्होंने यूपीए सरकार से मोदी कार्यकाल में हुई खरीद के आंकड़े प्रस्तुत किए और कहा कि 23 फसलों पर एमएसपी बढ़ाया गया है। दाल की खरीद 25 गुना अधिक की है और किसान चिंता न करें, वह जितना भी तुअर, उड़द, मसूर उगाएंगे, उसे एमएसपी पर सरकार खरीदेगी।शिवराज ने कांग्रेस को लिया निशाने पर
शिवराज ने कहा कि सरकार लागत में 50 प्रतिशत मुनाफा जोड़कर किसानों को दे रही है, जबकि कांग्रेस की यूपीए सरकार ने एमएसपी को उत्पादन की भारित औसत लागत से 50 प्रतिशत अधिक तय करने की सिफारिश को यह कहकर ठुकरा दिया था कि यह बाजार को विकृत कर देगा।शिवराज ने इस संबंध में तत्कालीन सरकार का कैबिनेट नोट सदन पटल पर रखा। साथ ही वर्ष 2007 में तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार, कृषि राज्य मंत्री कांतिलाल भूरिया और वर्ष 2010 में तत्कालीन राज्य मंत्री केवी थॉमस द्वारा दिए गए उत्तरों का ब्योरा भी सदन में रखा। यह भी पढ़ें: जितनी आबादी उतना आरक्षण, राज्यसभा में पिछड़ी जातियों के लिए विधेयक पेशकिसानों के नाम पर विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।
स्वामीनाथन कमेटी ने लागत पर 50% मुनाफा देकर समर्थन मूल्य की सिफारिश की, लेकिन यूपीए सरकार ने इसे खारिज किया।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने में और किसानों की आमदनी दोगुनी करने… pic.twitter.com/IIGY8UYhHW
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) July 26, 2024